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पंजाब में गौशालाओं की बिजली कटी, मंत्री को पता नहीं

पंजाब में गौशालाओं की बिजली कटी, मंत्री को पता नहीं

पंजाब की अमरिंदर सिंह सरकार ने राज्य की गौशालाओं को दी जाने वाली मुफ्त बिजली व्यवस्था खत्म कर दी है। पिछली अकाली- भाजपा सरकार के शासन के दौरान सभी गौशालाओं को मुफ्त बिजली देने की व्यवस्था की गई थी, जिसे नई सरकार ने समाप्त कर दिया है। अब इन गौशालाओं को न सिर्फ बिजली के बिल भेजे जा रहे हैं, बल्कि बिल का भुगतान न करने से कइयों के बिजली कनेक्शन काट दिये गए हैं। तो वहीं, राज्य सरकार के बिजली मंत्री का कहना है कि उन्हें ऐसी किसी बात की जानकारी ही नहीं है।
केजरीवाल खो चुके हैं मानसिक संतुलन: हरसिमरत

केजरीवाल खो चुके हैं मानसिक संतुलन: हरसिमरत

केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आज सलाह दी कि वह ईवीएम मशीनों की विश्वसनीयता पर सवाल उठाने के बजाय बेहतर होगा कि विपश्यना करें। शिरोमणि अकाली दल अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल की पत्नी हरसिमरत कौर ने यह भी कहा कि पंजाब में आप के खराब प्रदर्शन के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री शायद अपना मानसिक संतुलन खो चुके हैं।
अकाली दल के बड़बोलेपन और बादल परिवार के अहंकार की हार है : सिद्धू

अकाली दल के बड़बोलेपन और बादल परिवार के अहंकार की हार है : सिद्धू

कांग्रेस के तेज-तर्रार नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि पंजाब में कांग्रेस की जीत वस्तुत: अकाली दल के बड़बोलेपन और अकाली दल के अहंकार की हार है और यहीं से देश में पार्टी के फिर से आगे बढ़ने का मार्ग प्रशस्त होगा।
'आप' ने कहा- अकाली कर सकते ईवीएम से छेड़छाड़, निगरानी को लगाए तंबू

'आप' ने कहा- अकाली कर सकते ईवीएम से छेड़छाड़, निगरानी को लगाए तंबू

आम आदमी पार्टी ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर कर ईवीएम मशीनों की सुरक्षा के आदेश दिए जाने की मांग की है। हाईकोर्ट ने याचिका का निपटारा करते हुए चुनाव आयोग को नियमों के तहत ईवीएम की सुरक्षा के आदेश दिए हैं। याचिका में आरोप है कि सत्ताधारी दल मशीनों से छेड़छाड़ कर सकता है। हाईकोर्ट ने केंद्रीय चुनाव आयोग तथा पंजाब राज्य चुनाव आयोग को निर्देश दिए कि 11 मार्च तक जब तक मतगणना नहीं हो जाती तब तक इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) की सुरक्षा सुनिश्चित करें। आम आदमी पार्टी (पंजाब) ने पार्टी के सचिव गुलशन छाबड़ा के जरिए हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि उन्हें चुनावी प्रक्रिया पर अभी कोई आपत्ति नहीं है परंतु ईवीएम की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर उन्हें संदेह है। राज्य में विधान सभा के चुनावों के बाद जहां भी ईवीएम रखी गई हैं वहां सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध नहीं किये गए। तय प्रावधानों के तहत इन ईवीएम की सुरक्षा के लिए जो तीन स्तरीय सुरक्षा के प्रबंध किये जाने चाहिए वे प्रबंध कई जगहों पर नहीं किये हैं। ऐसे में ईवीएम के साथ छेड़छाड़ की जा सकती है। वैसे भी चुनाव और वोटिंग के बीच एक माह से ज्यादा समय का अंतर है। ऐसे में एक महीने से अधिक समय तक ईवीएम की सुरक्षा में चूक नहीं होनी चाहिए। अगर ऐसा हुआ तो लोकतंत्र के लिए घातक होगा।
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