दो दिवसीय दौरे पर पीलीभीत पहुंची केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी की अचानक तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें एक जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। डॉक्टर्स की एक टीम भी अस्पताल पहुंच गई है।
साउथ फिल्मों के सुपरस्टार रजनीकांत एक बार फिर गैंगस्टर की भूमिका निभाने के लिए तैयार हो गए हैं। इससे पहले भी वे कई फिल्मों में गैंगस्टर का रोल निभा चुके हैं। रजनीकांत अब अपनी अगली फिल्म 'काला करिकालन' में एक बार फिर इसी रोल में नजर आएंगे। आज 'काला करिकालन' फिल्म का पोस्टर लॉन्च कर दिया गया है।
साउथ के सुपरस्टार रजनीकांत को आजकल कई लोगों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। इस विरोध का कारण कुछ और नहीं बल्कि रजनी के राजनीति में आने की खबरों को लेकर है। एक स्थानीय संगठन तमिलर मुन्नेत्र पडाई (टीएमपी) ने उनके खिलाफ विरोध शुरू कर दिया है।
देश में स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हाल ये है कि दुनिया में स्वास्थ्य सेवाओं के मामलों में भारत का 154 वां स्थान है। 195 देशों की सूची में भारत की ऐसी स्थिति संकेत कर रही है कि स्वास्थ्य क्षेत्र में अभी काफी कुछ किए जाने की जरूरत है।
साउथ सुपरस्टार रजनीकांत जल्द ही राजनीति के पायदान पर कदम रख सकते हैं। इस तरह के संकेत कहीं और से नहीं बल्कि रजनी द्वारा अपने फैन्स को दिए जा रहे बयानों से साफ नजर आया। रजनी ने न सिर्फ राजनीति में ही आने की बात नहीं की बल्कि द्रमुक एवं अन्नाद्रमुक की बजाय किसी अन्य पक्ष के साथ गरीबों की राजनीति करने की बात कही।
बॉलीवुड के शहंशाह अमिताभ बच्चन अब सिर्फ फिल्मों में ही नहीं बल्कि मंदिर में भी देखने को मिलेंगे। यह मंदिर कहीं और नहीं बल्कि कोलकाता में ही हैं। जहां बिग बी के कद से भी ऊंची उनकी मूर्ती स्थापित की गई है। यह मंदिर किसी और ने नहीं बल्कि उनके प्रशंसकों ने मिलकर बनाई है।
मुंबई पर राज करने वाले डॉन हाजी मस्तान के मुंह बोले बेटे शेखर सुंदर ने साउथ के सुपरस्टार रजनीकांत को धमकी भरा नोटिस दिया है। इस नोटिस में शेकर ने मस्तान की छवि खराब न करने की बात कही है। शेखर ने यह धमकी रजनीकांत की अपकमिंग मूवी ‘गॉडफादर’ को लेकर दी है।
फूड प्वॉइजनिंग की शिकायत के बाद सर गंगाराम अस्पताल में भर्ती कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है। अस्वस्थ होने के कारण कांग्रेस अध्यक्ष को 7 मई को अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली का आलम आज भी जस की तस है जबकि उत्तर प्रदेश की सत्ता अखिलेश सरकार से होकर योगी आदित्यनाथ के पास पहुंच चुकी है। इस दौरान सरकार बदलाव के तमाम बड़े दावे करे, लेकिन एक आम आदमी के द्वारा शव को अपने कंधे पर उठाकर ले जाना सभी दावों को ढेर करता दिख रहा है।