मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जयप्रकाश नारायण और कर्पूरी ठाकुर जैसे समाजवादी नेताओं के सपनों को तोड़ने का आरोप लगाते हुए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने आसन्न बिहार विधानसभा चुनाव के लिए बिगुल फूंक दिया।
'बहुत हुआ जुमलों का वार, फिर एक बार नीतीश कुमार’, 'आगे बढ़ता रहे बिहार, फिर एक बार नीतीश कुमार’ कुछ ऐसे ही नारे लिखे पोस्टरों से बिहार की राजधानी पटना अटा पड़ा है। पटना की सडक़ों पर बड़े-बड़े होर्डिंग देखकर ऐसा लगता है मानों राज्य में और किसी सियासी दल का कोई वजूद नहीं है। राजनीतिक दलों के पार्टी कार्यालयों को छोड़ दें तो चौराहों या सार्वजनिक स्थलों पर दूसरे दलों के होर्डिंग न के बराबर दिखेंगे। यहां तक कि सडक़ों पर चल रहे ऑटो रिक्शा पर भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मुस्कुराती तस्वीरों वाले पोस्टर चिपके मिलेंगे।
आरडी बर्मन पर पंचम अनमिक्सड : मुझे चलते जाना है नाम से वृत्तचित्र के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त ब्रह्मानंद एस सिंह का मन संगीत में रमता है। अभी वह प्रसिद्ध गजल गायक जगजीत सिंह पर कागज की कश्ती नाम से फिल्म बना रहे हैं। बाल मजदूरों पर भी वह एक संवेदनशील फिल्म झलकी बना चुके हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अपनी बढ़ती उम्र का हवाला देते हुए कहा कि मैं धीरे-धीरे उम्र दराज हो रही हूूं। सोमवार को सोनिया गांधी ने इफ्तार पार्टी दिया था जिसमें राजनीति के दिग्गजों का जमावड़ा लगा हुआ था। इस दौरान बातचीत में सोनिया गांधी ने अपनी बढ़ती उम्र का हवाला दिया।
बिहार विधानसभा चुनावों का सेमीफाइनल कहे जा रहे राज्य विधानपरिषद के 24 सीटों के चुनाव में बाजी राजग के हाथ लगी है। इन 24 सीटों में से 12 सीटें सीधे राजग को मिली हैं जबकि एक सीट राजग समर्थित निर्दलीय के हाथ लगी है। राज्य ही नहीं राष्ट्रीय स्तर पर बहुप्रचारित जनता महागठबंधन के हाथ 10 सीटें आई हैं।
आप के कोंडली से विधायक मनोज कुमार को धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्हें दो दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा गया है। मनोज कुमार पर उनके पूर्व साझेदार ने धोखाधड़ी का आरोप लगाया है।
दक्षिणेश्वर (कोलकाता) में जन्म। कोलकाता से बी. कॉम. एडवांस एकाउन्ट्स में प्रथम श्रेणी में आनर्स। रांची से एल.एल.बी। मुख्य धारा की सभी पत्रिकाओं में लगभग तीस कहानियां प्रकाशित। बीज नाम से एक कथा संग्रह। वर्तमान साहित्य का कृष्ण प्रताप स्मृति सम्मान। फिलवक्त आसनसोल, पश्चिम बंगाल में निवास और स्वतंत्र लेखन।
गुजरात के दंगों से जुड़े मामलों को जोर-शोर से उठाने वाली सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ और उनके पति जावेद आनंद को घेरने का एक और प्रयास किया गया है। इस बार केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उनके द्वारा संचालित दो एनजीओ को विदेशी चंदा नियमन कानून (एफसीआरए) के उल्लंघन का आरोप लगाया है।