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मुफ्ती के आदेश पर नहीं हुई मसरत की रिहाई?

मुफ्ती के आदेश पर नहीं हुई मसरत की रिहाई?

जम्मू कश्मीर के गृह विभाग द्वारा जम्मू के डीएम को लिखे गए एक पत्र ने कट्टरपंथी अलगाववादी नेता मसरत आलम की रिहाई पर नया विवाद खड़ा कर दिया है। पत्र में दावा किया गया है कि उसकी रिहाई का आदेश इस साल फरवरी में भेजा गया था, जब राज्यपाल एनएन वोहरा राज्य के प्रभारी थे।
जम्मू-कश्मीर: कहीं ये नूरा-कुश्ती तो नहीं

जम्मू-कश्मीर: कहीं ये नूरा-कुश्ती तो नहीं

जम्मू-कश्मीर में मुफ्ती मोहम्मद की नई सरकार बनते न बनते पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में खींचतान शुरू हो गई। लेकिन सवाल यह है कि क्या यह नूरा-कुश्ती है
भाजपा के गले अटके मुफ्ती

भाजपा के गले अटके मुफ्ती

जम्मू-कश्मीर में पहली बार सरकार बनाने की भारतीय जनता पार्टी की खुशी काफूर हो चुकी है और अब उसके शीर्ष नेता शायद यही सोच रहे हैं कि गले अटकी इस हड्डी से कैसे छुटकारा पाया जाए। राज्य के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद ने कट्टरपंथी अलगाववादी हुर्रियत नेता मसरत आलम की रिहाई के आदेश देकर महज एक हफ्ते में भाजपा का सिरदर्द दोबाला कर दिया है।
राष्ट्रीय संकट पैदा कर रही है भाजपा- शिवसेना

राष्ट्रीय संकट पैदा कर रही है भाजपा- शिवसेना

जम्मू-कश्मीर में पीडीपी के साथ गठबंधन करके सरकार बनाने वाली भाजपा पर उसकी सहयोगी पार्टी शिवसेना ने आज निशाना साधते हुए कहा है कि भगवा पार्टी मुफ्ती मोहम्मद सईद की सरकार के साथ जुड़कर अपनी उंगलियां तो जला ही रही है, साथ ही इससे पूरे देश के लिए संकट भी पैदा हो सकता है।
कोई नहीं हटा सकता धारा 370- महबूबा

कोई नहीं हटा सकता धारा 370- महबूबा

जम्मू-कश्मीर में भारतीय जनता पार्टी के सहयोग से सरकार चला रही पीडीपी का कहना है कि राज्य से कोई भी ताकत धारा 370 को नहीं हटा सकती है। इस बयान से पता चलता है कि बीजेपी और पीडीपी के बीच की खाई पटने का नाम नहीं ले रही है।
ऐसे कैसे चलेगी भाजपा-पीडीपी सरकार

ऐसे कैसे चलेगी भाजपा-पीडीपी सरकार

जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाना भारतीय जनता पार्टी के ही नहीं बल्कि भगवा परिवार के सभी पितृ पुरुषों का भी चिरकालीन सपना रहा है। भाजपा की पूर्ववर्ती जनसंघ के संस्‍थापक अध्यक्ष श्यामाप्रसाद मुखर्जी की तो शहादत ही कश्मीर में हुई।
मुफ्ती पर बुरी फंसी भाजपा

मुफ्ती पर बुरी फंसी भाजपा

कभी जिन मुद्दों को लेकर भाजपा नेता पानी पी-पीकर कश्मीर की दूसरी पार्टियों को कोसा करते थे अब वही मुद्दे उसके गले की फांस बनने लगे हैं। कल्पना करें कि अगर आज जम्मू-कश्मीर में भाजपा सरकार की साझेदार न होती तो मुफ्ती मोहम्मद सईद के यह कहने पर कि राज्य में शांतिपूर्ण चुनाव के लिए सीमा पार के लोग और अलगाववादी भी बधाई के पात्र हैं, भाजपाईयों की प्रतिक्रिया क्या होती।
राजनाथ और मुफ्ती में मतभेद

राजनाथ और मुफ्ती में मतभेद

केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह और जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती सईद के मतभेद खुलकर सामने आ गये हैं। राजनाथ ने मुफ्ती के उस बयान से भारतीय जनता पार्टी की असहमति जतायी है जिसमें उन्होंने राज्य में शांतिपूर्ण विधानसभा चुनाव का श्रेय पाक और हुर्रियत को दिया था।
सईद ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली

सईद ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली

मुफ्ती मोहम्मद सईद के नेतृत्व में जम्मू-कश्मीर में नई सरकार बनी जिसके साथ ही राज्य में 49 दिनों से चला आ रहा राज्यपाल शासन खत्म हो गया। राज्यपाल एन एन वोहरा ने जम्मू में 79 वर्षीय सईद को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। उपमुख्यमंत्री के तौर पर भारतीय जनता पार्टी के निर्मल सिंह ने शपथ ली।
मुफ्ती-मोदी मिलन के सवाल

मुफ्ती-मोदी मिलन के सवाल

इसे लोकतंत्र का कमाल कहिये या सीमा कि वैचारिक तौर पर बिल्कुल विपरीत धरातल पर खड़ी दो पार्टियां मिलकर जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाने जा रही हैं। सारी तैयारियां हो चुकी हैं। रविवार को पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के संरक्षक मुफ्ती मोहम्मद सईद मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। दिल्ली में मुफ्ती और मोदी ने मिलकर इस बात पर अंतिम फैसला कर लिया है।
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