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अचानक लाहौर पहुंचे मोदी, जन्‍मदिन पर नवाज शरीफ से मुलाकात

आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काबुल से दिल्‍ली लौटते हुए लाहौर उतरे और पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से मुलाकात की। बिना किसी पूर्व घोषणा के पाकिस्‍तान यात्रा की जानकारी खुद पीएम मोदी ने ट्वीट कर दी। अचानक पाकिस्‍तान की तरफ बढ़े प्रधानमंत्री के इस कदम को लेकर देश में सियासत भी गरमा गई है।
अचानक लाहौर पहुंचे मोदी, जन्‍मदिन पर नवाज शरीफ से मुलाकात

आज पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ का जन्‍मदिन भी है। प्रधानमंत्री मोदी ने उन्‍हें जन्‍मदिन की शुभकामनाएं दी और काबुल से लौटते हुए अचानक लाहौर एयरपोर्ट पर उतरकर उनसे मिलने का फैसला किया। माना जा रहा है कि मोदी के लाहौर में उतरने का कार्यक्रम आज ही तय हुआ। प्रधानमंत्री मोदी भारतीय वायु सेना के विशेष बोइंग 737 विमान से करीब पांच बजे लाहौर पहुंचे जहां उनका शानदार स्वागत किया गया। इसके बाद वह नवाज शरीफ के साथ हेलीकाप्टर में बैठकर लाहौर के बाहरी इलाके में स्थित उनके आवास के लिए रवाना हो गए।  

मोदी और नवाज शरीफ की अप्रत्‍याशित मुलाकात को दोनों नेताओं के बीच बनती नई 'कैमिस्‍ट्री' का संकेत माना जा सकता है। इससे पहले जुलाई में रूस के उफा में हुई दोनों की मुलाकात के बाद भारत और पाकिस्‍तान के बीच राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार स्‍तर पर वार्ता का रास्‍ता खुला था।   

'ये हुई राजनेता वाली बात'

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाहौर उतरने का फैसला कर एक राजनेता जैसा काम किया है। उन्‍होंने ट्वीट किया, यह हुई राजनेता जैसी बात। पड़ोसी से एेसे ही रिश्ते होने चाहिए। इससे पहले मोदी ने शरीफ को उनके जन्मदिन पर बधाई दी थी। 

पिछले दिनों विदेश मंत्री सुषमा स्‍वराज की पाकिस्‍तान यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच समग्र वार्ता शुरू करने के ऐलान के बाद यह पीएम मोदी की नवाज शरीफ से पहली मुलाकात है। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच समग्र वार्ता को लेकर भी बातचीत होने की उम्‍मीद की जा रही है।

विपक्ष ने उठाए सवाल 

इधर, कांग्रेस ने प्रधानमंत्री के अचानक पाकिस्‍तान जाने पर यह कहते हुए सवाल खड़े किए हैं कि इस बारे में देश और संसद को अंधेरे में रखा गया। ऐसे गंभीर मामलों की जानकारी देश को ट्विटर के जरिये नहीं मिलनी चाहिए। आम आदमी पार्टी ने हैरानी जताते हुए कहा कि एेसा क्या बदल गया कि प्रधानमंत्राी नरेंद्र मोदी को लाहौर जाना पड़ा जबकि भाजपा ने पाकिस्तान के साथ बातचीत का विरोध किया था। लेकिन भाजपा ने प्रधानमंत्री के लाहौर में रूकने के अचानक फैसले की सराहना करते हुए इसे प्रोटोकाॅल संचालित राजनीति से हटते हुए अग्रणी प्रयास बताया है। गौरतलब है कि वाजपेयी के बाद वर्ष 2004 से भारतीय प्रधानमंत्री ने पाकिस्‍तान की यात्रा नहीं की है। आज अटल बिहारी वाजपेयी का भी जन्‍मदिन है। 

 

 

 

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