जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाए हुए दो महीने से अधिक हो गया है। पाकिस्तान के द्वारा इस मसले को लगातार दुनिया के कई मंचों पर उठाया गया है, लेकिन वह इस मसले को भारत के खिलाफ इस्तेमाल करने में नाकाम रहा है। अब अमेरिका ने एक बार फिर अनुच्छेद-370 पर भारत का समर्थन किया है। ट्रंप प्रशासन की ओर से कहा गया है कि भारत के द्वारा जम्मू-कश्मीर पर जो फैसला किया गया है, वह उसका समर्थन करते हैं। हालांकि, अमेरिका की ओर से जम्मू-कश्मीर में लगी पाबंदियों पर चिंता जताई गई है।
अमेरिका के विदेश मंत्रालय के दक्षिण एशिया डिपार्टमेंट की असिस्टेंट सेक्रेटरी एलिस जी वेल्स की ओर से कहा गया है कि भारत ने इसके पीछे तर्क दिया है कि इससे जम्मू-कश्मीर में विकास की रफ्तार बढ़ेगी, साथ ही कई कानूनों को लागू किया जा सकेगा।
‘अभी जो पाबंदियां लगी हुई हैं वह जल्द ही खत्म होंगी’
एलिस वेल्स ने कहा, ‘हम भारत के तर्कों का सम्मान करते हैं और फैसले का समर्थन करते हैं। अमेरिका इन हालात पर नजर बनाए हुए है, हालांकि हमारी ये भी उम्मीद है कि अभी जो पाबंदियां लगी हुई हैं वह जल्द ही खत्म होंगी’। उन्होंने कहा कि भारत को सभी फैसले मानवाधिकार के आधार पर लेने चाहिए, जल्द ही इंटरनेट और फोन सुविधा को शुरू करना चाहिए।
'इतिहास कहता है कि सीधी वार्ता से कई समस्याओं का समाधान किया गया है’
एलिस वेल्स ने कहा कि 1972 में हुए शिमला समझौते में भी इसका जिक्र है। शिमला समझौते में आपसी सहमति से शांतिपूर्ण वार्ता की बात कही गई है। वेल्स ने कहा कि साल 2006-2007 के दौरान भारत-पाकिस्तान ने कश्मीर समेत कई मसलों को सुलझाने में काफी हद तक सफलता पाई है। उन्होंने कहा, 'इतिहास कहता है कि सीधी वार्ता से कई समस्याओं का समाधान किया गया है। उम्मीद है कि कश्मीर पर भी ऐसा ही हो।'
5 अगस्त को लिया गया था ये फैसला
बता दें कि 5 अगस्त को केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 को हटाने का फैसला किया था, साथ ही जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को अलग-अलग केंद्रशासित प्रदेश बनाया गया था। इसी के बाद से इस विषय की दुनिया भर में चर्चा है।
भारत सरकार के इस फैसले से बौखलाया हुआ है पाक
मोदी सरकार की ओर से जबसे जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 को हटाने का फैसला लिया गया है, तभी से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है। पाकिस्तान लगातार इस मसले को दुनिया के सामने उठा रहा है, लेकिन अधिकतर देशों ने इस मसले पर भारत के फैसले का समर्थन किया है और इसे भारत का आंतरिक मामला बताया है। पाकिस्तान की ओर से कश्मीर के मसले पर अपने देश में कई तरह के प्रदर्शन भी किए गए थे।