रघुराम राजन ने कहा कि कालाधन रखने वालों ने इस फैसले का फायदा उठाते हुए अपना सारा पैसा बैंकों में जमाकर सफेद कर लिया। उन्होंने कहा कि पहले यह पैसा उनकी तिजोरियों में यूं ही पड़ा हुआ था अब उस पैसे पर उन्हें बैंक से ब्याज भी मिलने लगा है।
रघुराम राजन ने अपनी किताब 'I Do What I Do: On Reforms Rhetoric and Resolve' में नोटबंदी से जुड़ी कई बातों का भी उल्लेख किया है। किताब में राजन ने लिखा है कि उनके कार्यकाल के दौरान कभी भी आरबीआई ने नोटबंदी पर फैसला नहीं लिया था।