लिपस्टिक अंडर माय बुर्का की चर्चा लंबे समय से थी। इसमें फिल्म प्रमाणन बोर्ड के अध्यक्ष पहलाज निहलानी का भी बहुत बड़ा हाथ रहा है। उन्होंने इस फिल्म में इतने कट सुझाए थे कि फिल्म की रील छलनी की तरह ही निकल कर आती।
जिस स्त्री अस्मिता की लड़ाई लिपस्टिक अंडर माय बुर्का की टीम लड़ रही है, उसी अस्मिता की धज्जियां उनकी फिल्म के पोस्टर ने उड़ा दी। लिपस्टिक अंडर माय बुर्का के पोस्टर में स्त्रियों के लिए अपमानजनक, भद्दा इशारा ‘मिडिल फिंगर’ दर्शाया गया है। फिंगर को पोस्टर में लिपस्टिक का रूप देकर रचनात्मकता पैदा करने की कोशिश की गई है इसका मूल पुरुषों द्वारा गाली के रूप में इस्तेमाल किया गया इशारा ही है इसे स्त्रियों के लिए झंडा बुलंद करने वाली फिल्म की निर्देशक अलंकृता श्रीवास्तव को नहीं भूलना चाहिए।
लंबे समय से विवादों में फंसी फिल्म अंततः 28 जुलाई को सिनेमाघरों में प्रदर्शित हो ही जाएगी। लिपस्टिक अंडर माय बुर्का को सर्टिफिकेशन बोर्ड से प्रमाण पत्र नहीं मिल रहा था। निर्माता प्रकाश झा और निर्देशक अलंकृता श्रीवास्तव ने फिल्म की रीलिज के लिए लंबी लड़ाई लड़ी।
सरकार ने ‘2008 धूम्रपान निषेध’ नियम को लेकर थोड़े बदलाव किए हैं। इन बदलावों से हुक्का प्रेमियों को थोड़ी निशाना जरुर मिलेगी। सरकार ने 2008 के नियमों में संशोधन करते हुए सार्वजनिक स्थलों के अलावा स्मोकिंग जोन में भी हुक्का पीने पर रोक लगा दिया है।
देश के सभी मेडिकल और डेंटल कोर्स में दाखिले के लिए 7 मई को होने वाली एलिजिबिलिटी एंट्रेंस टेस्ट (नीट) परीक्षा से पहले सीबीएई ने कई बड़े दिशा-निर्देश जारी किए हैं। यदि इन नियमों को उल्लंघन हुआ, तो आपके परीक्षा में बैठने से रोक दिया जाएगा।