दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री की भूख हड़ताल शुक्रवार को तीसरे दिन भी जारी रही और उनके स्वास्थ्य की जांच करने वाली डॉक्टरों की टीम ने उन्हें अस्पताल में भर्ती कराये जाने की सलाह दी है। मिश्रा ने हालांकि भर्ती होने से इनकार किया है।
एमसीआई ने कहा है कि अगर डाक्टर जेनेरिक दवाईयां नहीं लिखें तो उन पर कार्रवाई की जाएगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने डाक्टरों द्वारा कम कीमत की दवा लिखने को लेकर कानून बनाए जाने की बात कही थी जिसके बाद मेडिकल काउंसिल ने यह निर्देश जारी किए हैं।
मारपीट की लगातार बढ़ रही घटनाओं से आहत डॉक्टरों का धैर्य जवाब दे गया है। वे इतने गुस्से में हैं कि वे शिवसेना के सांसद रवींद्र गायकवाड़ द्वारा एयर इंडिया के कर्मचारी की पिटाई के बाद एयरलाइंस जैसा रुख अपनाने की सोचने लगे हैं। एयरलाइंसों ने गायकवाड़ का बहिष्कार कर दिया है, नतीजन उन्हें ट्रेन से यात्रा करनी पड़ रही है।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हड़ताली रेजीडेंट डाक्टरों को काम पर लौटने या कानूनी कार्रवाई का सामना करने का अल्टीमेटम दिया। उधर, बंबई उच्च न्यायालय ने सरकारी अस्पतालों को उनकी सेवाएं खत्म करने का विकल्प दिया। इस बीच, महाराष्ट्र रेजीडेंट डाक्टरों को समर्थन दे रहे भारतीय चिकित्सा संघ :आईएमए: ने हड़ताल वापस ले ली।
विरोध प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों के मामले में बंबई उच्च न्यायालय के दखल देने के बाद भी डॉक्टर अपनी ड्यूटी पर वापस नहीं लौटे हैं। डॉक्टरों का प्रतिनिधित्व कर रहे संगठन ने भी डॉक्टरों से ड्यूटी पर वापस लौटने की अपील की है। बंबई उच्च न्यायालय ने हड़ताल कर रहे डॉक्टरों को काम पर नहीं लौटने को लेकर फटकार लगाई।
महाराष्ट्र के सरकारी अस्पतालों में लगातार तीसरे दिन काम पर नहीं आने वाले रेजिडेंट डॉक्टरों को बुधवार शाम तक ड्यूटी पर आने या छह महीने का वेतन नहीं दिये जाने की चेतावनी दी गयी है।