यह उनके समुदाय के लिए ऐतिहासिक क्षण था। कभी गुजर बसर के लिए भीख मांगने के लिए मजबूर जोइता मंडल अब लोक अदालत में जज बन गई हैं। जोइता के लिए यह मुकाम इसलिए भी खास है क्योंकि वह ट्रांसजेंडर हैं। लेकिन उनके लिए यह सफर इतना आसान नहीं था।
केरल की कोच्चि मेट्रो ने देश में एक सकारात्मक पहल करते हुए करीब 23 ट्रांसजेंडर कर्मचारी नियुक्त करने का फैसला लिया है। देश में पहली बार किसी सरकारी प्रतिष्ठान में ट्रांसजेंडरों को इस तरह नियुक्त किया जा रहा है।
हाल ही में कोच्ची मेट्रो ने अपने स्टाफ में ट्रांसजेंडरों की नियुक्ति कर ऐतिहासिक काम किया था। अब कोच्चि में ही किन्नरों को खुशी मनाने का एक और मौका मिल रहा है।
यह ट्रांसजेंडर समुदाय के लोगों के लिए वाकई उपलब्धि है। कोच्ची मेट्रो ने 23 ट्रांसजेंडर्स को नौकरी दे दी है। पिछले साल खबरें आई थीं कि कोच्ची मेट्रो ट्रांसजेंडर्स को नौकरी दे सकता है। अब मेट्रो विभाग ने ऐसा कर दिखाया है। हाउसकीपिंग से लेकर टिकट काउंटर तक मेट्रो में ट्रासजेंडर कर्मचारी होंगे। ऐसा करने वाली कोच्ची मेट्रो पहली सरकारी कंपनी बन गई है।
ट्रांसजेंडर समुदाय के लोगों को अलग पहचान प्रदान करने और उनका शोषण करने वालों को दंडित करने की व्यवस्था कायम करने के मकसद से मंगलवार को लोकसभा में एक महत्वपूर्ण विधेयक पेश किया गया।