Advertisement

ट्रांसजेंडर कभी भीख मांगने को थी मजबूर, बनी जज

यह उनके समुदाय के लिए ऐतिहासिक क्षण था। कभी गुजर बसर के लिए भीख मांगने के लिए मजबूर जोइता मंडल अब लोक अदालत में जज बन गई हैं। जोइता के लिए यह मुकाम इसलिए भी खास है क्योंकि वह ट्रांसजेंडर हैं। लेकिन उनके लिए यह सफर इतना आसान नहीं था।
ट्रांसजेंडर कभी भीख मांगने को थी मजबूर, बनी जज

जोइता ने बीते शनिवार को पश्चिम बंगाल के इस्लामपुर की लोक अदालत में जज की गाड़ी में बैठ कर प्रवेश किया। उन्हें लोक अदालत के लिए इस्लामपुर के सब डिविजनल लीगल सर्विस कमेटी की तफ से एक बेंच के लिए नियुक्त किया गया है। एक वक्त ऐसा भी था जब ट्रांसजेंडर होने की वजह से जोइता को इसी इस्लामपुर में रहने के लिए होटल में कमरा भी नहीं मिला था।

जोइता की नियुक्ति उस सोच पर करारा प्रभाव है जो लैंगिग भेदभाव से भरी हुई है। जोइता को “लर्न्ड जज” की कैटेगरी में रखा गया है। जोइता दिजनापुर नोतुन आलो सासाइटी की फाउंडिंग मेंबर भी है। एक वक्त था जब रोजमर्रा के खर्च चलाने के लिए उनके पास कोई नौकरी नहीं थी और उन पर दबाव था कि वह या तो भीख मांगे या बधाई पार्टी में शामिल हो जाएं जो शादी या बच्चे के जन्म के वक्त पैसे लेने घरों में जाती है। ट्रांसजेंडर्स की कम्यूनिटी को आशा है कि अब उनके हक में और अच्छे काम होंगे। 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad