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Search Result : "क्या है एनाफिलैक्सिस"

सबसे पुराने दोस्त ने भाजपा से पूछा, भारी जनादेश से क्या बदला

सबसे पुराने दोस्त ने भाजपा से पूछा, भारी जनादेश से क्या बदला

पठानकोट आतंकी हमले की पृष्ठभूमि में भाजपा पर अपने वार तेज करते हुए उसके सहयोगी दल शिवसेना ने आज पार्टी से पूछा है कि भारी जनादेश लेकर सत्ता में आने के बाद उसने पाकिस्तान नीति और राम मंदिर समेत विभिन्न मुद्दों पर क्या बदलाव किए हैं? इसके साथ ही शिवसेना ने यह भी कहा कि मोदी सरकार कांग्रेस शासन की गलतियों को दोहरा रही है।
क्या अाडवाणी की तरह जेटली भी इस्तीफा दें?

क्या अाडवाणी की तरह जेटली भी इस्तीफा दें?

डीडीसीए विवाद में वित्‍त मंत्री अरुण जेटली को लेकर आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक अहम बयान आया है। जेटली के लिए मजबूत समर्थन दिखाते हुए भाजपा संसदीय दल की बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि जिस तरह से हवाला केस में लालकृष्ण आडवाणी पाक साफ होकर निकले थे उसी तरह से इस मामले में जेटली बेदाग बरी होंगे। पीएम के इस बयान के बाद जेटली पर विपक्ष के हमले और तेज हो गए है। कांग्रेस समेत वाम दलों की ओर से भी कहा जा रहा है कि पीएम मोदी, जेटली को भी आडवाणी की तरह ही इस्तीफा देने का संकेत दे रहे हैं।
अच्छी टीम के बगैर, मोदी क्या कर पाएंगे: शरद पवार

अच्छी टीम के बगैर, मोदी क्या कर पाएंगे: शरद पवार

राजनीतिज्ञ, किसान, क्रिकेट प्रशासक और लंबे समय तक प्रधानमंत्री पद के दावेदार रहे शरद पवार ने अपनी आत्मकथा, ऑन माई टर्म्स: फ्रॉम द ग्रासरूट्स टू द कॉरीडोर्स ऑफ पावर(प्रकाशक: स्पिकिंग टाइगर) को जारी करते हुए अपना 75वां जन्मदिन मनाया। अपनी बीमारी के बावजूद कभी पूराने कांग्रेसी रहे राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के इस मुखिया की जिंदादिली और फुरतीलापन बरकरार है और वह सन्यास लेने का कोई संकेत नहीं देते हैं। दिल्ली में उन्होंने बुला देवी से बातचीत की।
क्या अभिव्यक्ति की आजादी सिर्फ झूठ बोलने के लिए है: जेटली

क्या अभिव्यक्ति की आजादी सिर्फ झूठ बोलने के लिए है: जेटली

डीडीसीए में कथित भ्रष्टाचार के आरोपों पर पलटवार करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अरविंद केजरीवाल के ऊपर झूठा प्रचार करने का आरोप लगाया और कहा कि ऐसा लगता है कि वह झूठ और बदनामी में भरोसा करते हैं। जेटली ने केजरीवाल पर प्रहार करते हुए कहा कि वह उन्माद की हदें छूने वाली भाषा बोलते हैं।
क्या है डीडीसीए और जेटली के भ्रष्टाचार का मामला

क्या है डीडीसीए और जेटली के भ्रष्टाचार का मामला

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सचिव राजेंद्र कुमार के ठिकानों और दफ्तरों पर छापे के बाद आम आदमी पार्टी (आप) सरकार अचानक केंद्र सरकार के खिलाफ सक्रिय हो उठी है। आज वह केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली के खिलाफ जितने भी आरोप लगा रही है, उस पर आउटलुक ने पहले ही कवर स्टोरी (1-15 जुलाई) ‘अब जेटली की बारी’ प्रकाशित किया था। ये सभी आरोप भाजपा के ही सांसद कीर्ति आजाद एक अरसे से लगाते आ रहे हैं। डीडीसीए के घपले और अरुण जेटली के कनेक्‍शन का सच क्या है, इस खबर से स्पष्ट हो जाएगा।
क्या हैं आप- पप्पू या फेंकू

क्या हैं आप- पप्पू या फेंकू

हर व्यक्ति का पीठ के पीछे एक नाम होता है। चेपू, चाटू, सर्किट, भयंकर। आपका भी जरूर होगा। पर आजकल तो बस दो ही विशेष नाम फैशन में हैं। जरा इन सवालों और उनके जवाबों पर नजर डालिए और पता कीजिए क्या हैं आप।
क्या सौर ऊर्जा से हल हो पाएगा भारत का ऊर्जा संकट?

क्या सौर ऊर्जा से हल हो पाएगा भारत का ऊर्जा संकट?

पेरिस में आयोजित जलवायु सम्मेलन से इतर भारत ने एक बहुचर्चित ‘सौर गठबंधन' की घोषणा कर दी। ऊर्जा की जरुरतों को पूरा करने के लिए सौर ऊर्जा उप्लब्ध करवाने की दिशा में काम करने का यह बडा न्यौता उन 121 देशों के लिए है, जहां सूर्य का प्रकाश पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध रहता है। इस परियोजना में सरकार की योजना शुरुआती पूंजी के रुप में 400 करोड रुपए डालने की है।
क्या वाकई थम गई पुरस्कार वापसी मुहिम?

क्या वाकई थम गई पुरस्कार वापसी मुहिम?

बिहार चुनाव के नतीजे आने का बाद सोशल मीडिया पर इन दिनों एक कविता काफी प्रसारित हो रही है। इस कविता में कहा जा रहा है कि अब कहीं से भी गोमांस, सम्मान वापसी, अरहर दाल की बढ़ती कीमतों को लेकर कोई बयान नहीं आ रहा है। यह सवाल खड़ा होता है कि क्या ऐसा सहिष्णुता की वजह से है या ऐसा बिहार का चुनाव खत्म हो जाने की वजह से है। स्पष्ट तौर पर यह आरोप लगता रहा है कि लेखकों, कलाकारों और वैज्ञानिकों द्वारा जो पुरस्कार लौटाए जा रहे थे वह बिहार चुनावों को प्रभावित करने की एक पूर्वनियोजित साजिश थी। इस संबंध में आरएसएस का मानना है कि पुरस्कार वापसी की मुहीम राजनीतिक ताकतों के हित में बहुत सलीके से संयोजित की गई थी। केंद्रीय मंत्री जनरल वी के सिंह ने तो यहां तक कहने में भी गुरेज नहीं किया कि पुरस्कार वापसी के इस मुहिम में बहुत ज्यादा पैसा सम्मिलित था। जो कुछ भी हुआ, यह उसकी पूरी तरह से एक प्रायोजित और विकृत व्याख्या है।
क्या रहस्‍यमय एक्स-फैक्टर है गंगाजल की खासियत?

क्या रहस्‍यमय एक्स-फैक्टर है गंगाजल की खासियत?

क्या गंगाजल को खास बनाने के पीछे इसमें मौजूद किसी विशेष एक्स फैक्टर का योगदान है? गंगा निश्चित तौर पर भारत की सबसे पवित्रतम नदियों में से एक है और अनंतकाल से इसके जल को इसके जादुई गुणों के लिए जाना जाता है। इसी खूबी के चलते यदि गंगाजल वर्षों तक रखा जाए, तो भी यह खराब नहीं होता। इसे इस नदी का आत्म-शोधन का गुण कहा जाता है। भारतीय वैज्ञानिक इसी रहस्‍य से पर्दा उठाने की कोशिश में जुटे हैं।
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