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Search Result : "आलोक इंडस्‍ट्री"

चर्चाः झंडे की शान में जुड़ी आन | आलोक मेहता

चर्चाः झंडे की शान में जुड़ी आन | आलोक मेहता

तिरंगे की शान रखने के लिए हर भारतीय नागरिक सब कुछ न्यौछावर करने के लिए तैयार रहता है। हिमालय की सर्वोच्च चोटी से समुद्र के सुदूर क्षेत्र और अंतरिक्ष तक भारतीयों ने गौरव के साथ तिरंगा फहरा कर सैल्यूट किया है। इसलिए मानव संसाधन मंत्रालय द्वारा केंद्रीय विश्वविद्यालयों की इमारतों पर तिरंगा ध्वज लहराने की अनिवार्यता के निर्देश का स्वागत ही होना चाहिए।
चर्चा : कानून के पहरेदारों की आचार संहिता। आलोक मेहता

चर्चा : कानून के पहरेदारों की आचार संहिता। आलोक मेहता

राजनेता हों या अधिकारी, कारपोरेट किंग पूंजीपति या मजदूर – अदालत और अस्पताल पहंुचते ही कांपने लगते हैं। अपराध छोटा हो या बड़ा – कानून का शिकंजा खतरनाक साबित हो सकता है। इसी तरह हाथ या पैर की ऊंगली का नाखून ही निकला हो अथवा हृदय रोग – सर्जन के चमकते चाकू से निकलने वाला नतीजा जिंदगी दे या ले सकता है।
चर्चाः सरकार को प्रतीक्षा हत्या की | आलोक मेहता

चर्चाः सरकार को प्रतीक्षा हत्या की | आलोक मेहता

‘अदालत परिसर में मारपीट के दौरान क्या किसी की हत्या हुई है ?’ यह उत्सुकता या व्यंग्य भरा सवाल नहीं है। दिल्ली की एक अदालत में पत्रकारों के साथ वकीलों के भेष में घुसे तत्वों द्वारा मारपीट और बाहर एक भाजपा विधायक द्वारा हाथ में बंदूक होने पर गोली मार देने के अहंकारी दावे के बाद देश के गृह राज्यमंत्री द्वारा की गई टिप्पणी है।
चर्चा : संवाद बिना नहीं संसद। आलोक मेहता

चर्चा : संवाद बिना नहीं संसद। आलोक मेहता

लोकतंत्र में असहमति् और प्रतिपक्ष अपरिहार्य है। भारी बहुमत के बावजूद सत्तारूढ़ पक्ष को यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि मंत्री या अधिकारी निरंकुश न हो जाएं। इस दृष्टि से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संसद के बजट सत्र से पहले प्रतिपक्ष के नेताओं के साथ्‍ा बैठक की सही पहल की है।
चर्चाः रामराज्य में रावण की जगह | आलोक मेहता

चर्चाः रामराज्य में रावण की जगह | आलोक मेहता

न्यायालय से दोषी साबित न होने तक क्या छात्रों की एक भीड़ को आतंकवादी-राष्ट्रद्रोही घोषित किया जा सकता है? ये युवा अभी क्या पूरी तरह परिपक्व हैं?
चर्चाः भारत रत्न की तो सुन लें | आलोक मेहता

चर्चाः भारत रत्न की तो सुन लें | आलोक मेहता

आमिर खान फिल्मी हस्ती हैं, अशोक वाजपेयी साहित्यकार हैं, सीताराम येचुरी या नीतीश कुमार अथवा राहुल गांधी प्रतिपक्षी नेता हैं, कई संपादक, प्रकाशक प्रतिकूल विचारों वाले हैं लेकिन अमर्त्य सेन तो भारत रत्न हैं। ‘आधुनिक भारत के नोबेल सम्मान प्राप्त अर्थशास्‍त्री और विचारक हैं। किसी राजनीतिक दल से कभी कोई रिश्ता नहीं रहा। अमेरिका और यूरोप में रहने के अलावा ‘कम्युनिस्ट ’ चोगा भी नहीं पहने हैं।
चर्चा: बैंकों में हेराफेरी का पाप | आलोक मेहता

चर्चा: बैंकों में हेराफेरी का पाप | आलोक मेहता

करे कोई और भरे कोई। यह कहावत पुरानी है। भारतीय बैंकों में पिछले कुछ वर्षों के दौरान इसी शैली में ‘किसी का जमा और किसी का निगला’ हाल हो गया है।
चर्चाः एक बार फिर कारों को धक्का | आलोक मेहता

चर्चाः एक बार फिर कारों को धक्का | आलोक मेहता

खास आदमी धीरे-धीरे ‘आम आदमी’ के रास्ते पर आ जाएगा। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने सरकारी नौकरी में रहते हुए ‘सूचना अधिकार’ अभियान के लिए अंतरराष्ट्रीय मैगसायसाय अवार्ड ले लिया था। राजनीति में आने के बाद प्रदूषण मुक्ति अभियान के लिए वह दुनिया में नया रिकार्ड बनाने की कोशिश में हैं।
चर्चाः लाट साहब को नेक सलाह | आलोक मेहता

चर्चाः लाट साहब को नेक सलाह | आलोक मेहता

राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी बहुत सुलझे हुए अनुभवी और योग्य राजनेता हैं। इंदिरा गांधी से नरेंद्र मोदी तक के सत्ता काल में उन्होंने केंद्र-राज्य संबंधों एवं राज्यपालों की भूमिका को जाना-परखा है। इस दृष्टि से मंगलवार को श्री मुखर्जी ने राज्यपालों के सम्मेलन में किसी का नाम ‌लिए बिना नेक सलाह (निर्देश भी संभव) दी कि ‘संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्तियों को संविधान की पवित्रता को अक्षुण्‍ण रखना चाहिए।’
चर्चाः हिमालय से नई रोशनी | आलोक मेहता

चर्चाः हिमालय से नई रोशनी | आलोक मेहता

नेपाल में मस्ती के साथ डूबने वाला सूरज अगली सुबह नई चमक के साथ प्रगट होता दिखता है। रात की मस्ती में नाचना, गाना, लड़ाई-झगड़ा, नफरत-प्यार सब होता है। लेकिन सुबह सब काम पर निकल पड़ते हैं। तराई में रहने वाले मधेशियों के साथ गहरे तनाव के बावजूद इसी मानसिकता के साथ नेपाल सरकार, अधिकारी, भावुक मधेशी शांतभाव से आगे बढ़ने को तैयार हो गए हैं।
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