किताबों की हमारे जीवन में उपस्थिति और उसके महत्व को रेखांकित करते हुए साहित्य अकादेमी ने ‘साहित्य मंच’ के अंतर्गत विश्व पुस्तक दिवस के अवसर पर एक विशिष्ट कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े महत्त्वपूर्ण लोगों ने किताबों से अपने रिश्तों को श्रोताओं से साझा किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रसार भारती के सीईओ श्री जवाहर सरकार ने की।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छ गंगा अभियान को आगे बढ़ाते हुए पर्यावरणविदों का एक समूह इस पवित्र नदी के उपरी हिस्से को विश्व विरासत घोषित करने के लिए यूनेस्को को राजी करने का प्रयास करेगा।
1 जनवरी 1958 को उत्तरांचल के अल्मोड़ा जिले में जन्में हरिसुमन बिष्ट हिंदी साहित्य के जानेमाने कहानीकार हैं। कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल से हिंदी में स्नातकोत्तर और आगरा विश्वविद्यालय, आगरा से पी.एच.डी की उपाधि।
उनकी प्रमुख प्रकाशित रचनाओं में उपन्यास : ममता, आसमान झुक रहा है, होना पहाड़। कहानी संग्रह : सफ़ेद दाग, आग और अन्य कहानियां, मछरंगा, बिजूका। यात्रा विवरण : अंतर्यात्रा हैं।
सन 1983 में उनके द्वारा संपादित पुस्तक ‘अपनी जबान में कुछ कहो' को साहित्यिक श्रेणी में सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
अंतरराष्ट्रीय मूर्ख दिवस के मौके पर उज्जैन के कालिदास अकादमी के मुक्ताकाशी रंगमंच पर 45 वें अखिल भारतीय टेपा सम्मेलन का भव्य आयोजन हुआ। इसमें टीवी के जाने-माने हास्य अभिनेता अली असगर ने शिरकत की। इन्होंने दादी की वेशभूषा में मंच से दर्शकों को खूब हंसाया।
मसूरी स्थित आइएएस प्रशिक्षण अकादमी में फर्जी प्रशिक्षु के नाम पर रह रही महिला का मामला उजागर होने के बाद सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं। क्योंकि एक महिला छह महीने से इस अकादमी में फर्जी कार्ड बनाकर रह रही थी लेकिन किसी को खबर तक नहीं लगी।
विश्व कप ट्रॉफी वितरण समारोह से मुस्तफा कमाल को क्यों हटाया गया? आइसीसी ने यह फैसला क्यों किया इस पर कई तरह की बातें सामने आ रह़ी हैं। आइसीसी के सूत्रों का कहना है कि मुस्तफा कमाल विश्व कप के पुरस्कार वितरण समारोह का हिस्सा थे लेकिन मैच अधिकारियों की ईमानदारी पर सवाल उठाने और अपने बयान पर बने रहने के कारण उन्हें इस समारोह से हटाया गया।
दुनियाभर में सत्ता प्रतिष्ठानों की तरफ से दिए जाने वाले पुरस्कार हमेशा विवादों में रहे हैं। केंद्र में इस बार भारतीय जनता पार्टी की सरकार आने के बाद पहली बार देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिये गए हैं। अगर पुरस्कार पाने वालों की फेहरिस्त पर नजर डाली जाए तो ऐसा लगता है कि अपने लोगों को उपकृत करने में भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस से भी आगे चली गई है। इस बार भाजपा सरकार ने अपनी ही पार्टी के नेता और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई को भारत रत्न दिया तो वाजपेई सरकार में उप प्रधानमंत्री रहे पार्टी नेता लाल कृष्ण आडवाणी को पद्म विभूषण दे डाला। इसी तरह नजर डालें तो पुरस्कार पाने वालों में ज्यादातर भाजपा के करीबी पत्रकार, कलाकार, वैज्ञानिक और नेता हैं।