कांग्रेस ने झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेता चंपई सोरेन को सरकार के गठन के लिए अब तक आमंत्रित नहीं किए जाने को लेकर बृहस्पतिवार को राज्यपाल सी पी राधाकृष्णन की भूमिका पर सवाल खड़े किए और कहा कि कहीं ऐसा तो नहीं है कि राष्ट्रपति शासन लगाने का इंतजार किया जा रहा है।
पार्टी प्रवक्ता और वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने कहा कि पिछले दिनों बिहार में ‘पलटू कुमार’ (नीतीश कुमार) के इस्तीफा देने के कुछ देर बाद ही उन्हें शपथ दिलाई गई, लेकिन झारखंड में झामुमो-कांग्रेस गठबंधन के पास 47-48 विधायकों का समर्थन होने के बावजूद चंपई सोरेन को शपथ के लिए आमंत्रित नहीं किया गया।