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भारी हंगामे के बीच तीन तलाक बिल राज्यसभा में पेश, कांग्रेस ने सेलेक्ट कमेटी को भेजने की मांग की

तीन तलाक विरोधी बिल ‘द मुस्लिम वीमेन प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स इन मैरिज एक्ट' लोकसभा में पास होने के बाद...
भारी हंगामे के बीच तीन तलाक बिल राज्यसभा में पेश, कांग्रेस ने सेलेक्ट कमेटी को भेजने की मांग की

तीन तलाक विरोधी बिल ‘द मुस्लिम वीमेन प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स इन मैरिज एक्ट' लोकसभा में पास होने के बाद बुधवार को राज्यसभा में पेश कर दिया गया है। लेकिन कांग्रेस और टीएमसी ने बिल को सेलेक्ट कमेटी को भेजने की मांग की है। इस बीच भारी हंगामें के बीच सदन की कार्यवाही कल सुबह 11 बजे तक के लिए स्थिगित कर दी गई है।

कांग्रेस के अलावा 17 लोगों ने बिल को सेलेक्ट कमेटी में भेजने का प्रस्ताव दिया। इनमें डेरक ओ ब्रायन, रेणुका चौधरी, डी राजा, मजीद मेनन, जावेद अहमद जैसे नाम हैं।

इस बिल को कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद सदन में पेश किया। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि लोकसभा में बिल पास होने के बाद तीन तलाक दिया जा रहा है। मुरादाबाद में एक महिला को दहेज की मांग न पूरी होने पर तीन तलाक दे दिया गया। उन्‍होंने कहा कि यह ऐतिहासिक बिल है। 

वहीं कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने संशोधन पेश करते हुए बिल को सेलेक्ट कमेटी में भेजने की मांग की और कहा कि बजट सेशन के पहले हफ्ते तक रिपोर्ट आ जाए, ताकि आगे इसपर बहस हो सके। कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने विपक्षी पार्टियों के सदस्यों के नाम सभापति को दिए जो सेलेक्ट कमिटी में होंगे। इनमें तीन कांग्रेस के थे। शर्मा ने कहा कि सरकार अपने सदस्यों के नाम सुझाए। कांग्रेस नेता का कहना था कि ये सेलेक्ट कमिटी बजट सत्र के दौरान अपने सुझाव सौंपेगी। उनका कहना था कि सरकार पहले संशोधनों को स्वीकार करें और फिर बिल को सेलेक्ट कमिटी को भेजें।

इस पर अरुण जेटली ने  विरोध करते हुए कहा कि संशोधन 24 घंटे पहले दिए जाने चाहिए थे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और ठीक तीन बजे सदन में संशोधन रखे गए हैं। जेटली ने कहा कि आनंद शर्मा एक गलत परंपरा की नींव रखना चाहते हैं कि सदन में बहुमत वाली कोई भी पार्टी या समूह सेलेक्ट कमिटी के सदस्यों का नाम तय कर सकती है।

बता दें कि लोकसभा में यह बिल आसानी से पास हो गया। लेकिन अब  सत्ता पक्ष के पास बहुमत नहीं होने के चलते राज्यसभा में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक कांग्रेस विधेयक पर अपना रुख तय करने से पहले व्यापक विपक्ष से मशविरा करेगी जिसमें एकसाथ तीन तलाक को प्रतिबंधित करने और इसे संज्ञेय अपराध बनाने का प्रस्ताव किया गया है।

सूत्रों के अनुसार ऊपरी सदन में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने राज्यसभा में विधेयक पेश किये जाने से पहले अपनी पार्टी के नेताओं और अन्य पार्टी के नेताओं की कल संसद में अपने चैंबर में एक बैठक बुलाई थी। कांग्रेस विधेयक के पक्ष में है क्योंकि इसमें एकसाथ तीन तलाक पर रोक लगाने का प्रस्ताव है लेकिन क्या वह उसे प्रवर समिति को भेजने के लिए दबाव डालेगी या नहीं यह कल ही पता चलेगा। सूत्रों ने बताया था कि पार्टी विधेयक में संशोधनों के लिए जोर डाल सकती है।

इस बीच, एकसाथ तीन तलाक के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में एक याचिकाकर्ता भारतीय मुस्लिम महिला आंदोलन ने सांसदों को पत्र लिखकर विधेयक में तलाक देने के तरीके ‘तलाक ए अहसन’ को शामिल करने की मांग की जिसमें मध्यस्थता अनिवार्य है और यह तलाक की प्रक्रिया शुरू होने से पहले न्यूनतम 90 दिन तक चलती है।

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