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क्या कांग्रेस के बगैर बनेगा कोई मोर्चा? शिवसेना ने दिया ये जवाब

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और तेलंगाना के. सीएम चंद्रशेखर राव ने रविवार को मुलाकात की और...
क्या कांग्रेस के बगैर बनेगा कोई मोर्चा? शिवसेना ने दिया ये जवाब

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और तेलंगाना के. सीएम चंद्रशेखर राव ने रविवार को मुलाकात की और भाजपा विरोधी मोर्चे के लिए मिलकर काम करने का फैसला किया।इस बीच तेलंगाना के सीएम  एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार से भी मिले। इन प्रयासों को 2024 के आम चुनावों में बीजेपी से मुकाबला करने के लिए एक गैर-कांग्रेसी मोर्चा बनाने के प्रयासों के तौर पर देखा जा रहा है। लेकिन कांग्रेस के बगैर कोई फ्रंट बनेगा, इसे लेकर शिवसेना ने अपनी बात रखी है।

शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा, "हमने कभी नहीं कहा कि कांग्रेस के बगैर कोई फ्रंट बनेगा, जब ये बात ममता बनर्जी ने कही थी तब शिवसेना पहली राजनीतिक पार्टी थी और तब हमने कहा था कि कांग्रेस को भी साथ लेना चाहिए। कल तेलंगाना के सीएम महाराष्ट्र आकर उद्धव ठाकरे से बातचीत की। "

उन्होंने बताया कि दोनों के बीच राजनीतिक, विकास और देश की परिस्थिति के बारे में चर्चा हुई। दोनों नेताओं की बहुत से विषय में सहमति हुई। के. चंद्रशेखर राव बहुत जुझारू नेता हैं उनके में वो क्षमता है कि सबको साथ लेकर नेतृत्व करें।

बता दें कि रविवार को ठाकरे के आवास पर बैठक के बाद दोनों नेताओं ने संवाददाताओं से कहा कि वे देश को मजबूत करने के लिए अन्य क्षेत्रीय और राष्ट्रीय दलों के नेताओं के साथ बातचीत करेंगे। तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के प्रमुख ने कहा कि देश में बड़े बदलाव की जरूरत है. केसीआर ने कहा, "हमारी बैठक के साथ एक शुरुआत की गई है। मेरा मानना है कि यहां से एक अच्छा संदेश गया है।"

यह कहते हुए कि महाराष्ट्र से शुरू किए गए अभियान अतीत में सफल रहे थे, केसीआर ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज और बालासाहेब ठाकरे जैसे मराठा योद्धाओं ने देश को प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि वे उसी भावना से आगे बढ़ना चाहते हैं। अन्याय से लड़ना चाहते हैं और लोकतंत्र को बचाना चाहते हैं।

देश के संघवाद को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाते हुए ठाकरे ने कहा, "राज्यों और केंद्र के बीच जो माहौल होना चाहिए, वह आज नहीं दिखता। यह राजनीति नहीं चलेगी। इसलिए, हमने एक नई शुरुआत की है।"

ठाकरे ने कहा, "देश में मौजूदा स्थिति और जिस तरह से निम्न-श्रेणी की राजनीति हो रही है, वह हिंदुत्व नहीं है।" जिस पर शिवसेना ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस के साथ गठबंधन में महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए भाजपा से नाता तोड़ लिया।

ठाकरे ने कहा, "हिंदुत्व हिंसा या बदला लेने के बारे में नहीं है। अगर चीजें इसी तरह जारी रहीं, तो देश का भविष्य क्या है।" उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा कुछ राज्यों और कुछ नेताओं के बारे में 'अफवाहें' फैलाने के तरीके पर भी नाखुशी जाहिर की।

केसीआर ने ठाकरे को आगे की बातचीत के लिए हैदराबाद भी आमंत्रित किया। टीआरएस नेता ने कहा, "हम भाई हैं क्योंकि हमारे राज्यों की सीमा 1,000 किलोमीटर लंबी है। हमने महाराष्ट्र सरकार के सहयोग से कालेश्वरम परियोजना का निर्माण किया है। हम एक साथ काम करना जारी रखना चाहते हैं।"

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