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मोदी कर रहे हैं डर की राजनीति : राहुल

नोटबंदी को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ अपना हमला जारी रखते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आज उन पर डर और गुस्से की राजनीति करने का आरोप लगाया तथा पार्टी कार्यकर्ताओं से उनकी विचारधारा को हराने को कहा।
मोदी कर रहे हैं डर की राजनीति : राहुल

नई दिल्ली में कांग्रेस के 132वें स्थापना दिवस समारोह की अध्यक्षता करते हुए राहुल ने कहा कि आठ नवंबर को मोदी जी ने कहा कि वह भ्रष्टाचार और कालाधन के खिलाफ यज्ञ कर रहे हैं। प्रत्येक यज्ञ में किसी की बलि दी जाती है और प्रत्येक यज्ञ किसी के लाभ के लिए किया जाता है।

 

उन्होंने कहा कि  नोटबंदी का यज्ञ देश के एक प्रतिशत अति-धनी 50 परिवारों के लिए है। इस यज्ञ में गरीबों,  किसानों,  मजदूरों,  मध्यवर्ग और छोटे दुकानदारों की बलि हो रही है। इससे बहुत दर्द हो रहा है। राहुल ने पार्टी कार्यकर्ताओं से नोटबंदी से दुखी लोगों तक पहुंचने और डर तथा घृणा फैलाने वाले मोदी और आरएसएस की विचारधारा के खिलाफ लड़ने का आह्वान करते हुए कहा कि कांग्रेस जनता, किसानों,  मजदूरों,  मध्यवर्ग और छोटे दुकानदारों तथा देश के साथ खड़ी रहेगी और उनकी मदद करेगी।

 

उन्होंने कहा कि  कांग्रेस कार्यकर्ताओं को लोगों तक पहुंचना होगा और मुझे पूर्ण विश्वास है कि वे ऐसा करेंगे। वे लड़ेंगे और नरेन्द्र मोदी तथा आरएसएस की उस विचारधारा को हराएंगे जो गुस्सा और घृणा फैलाती है। मोदी पर देश के लोगों की वित्तीय स्वतंत्रता को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष ने सवाल किया कि किस आधार पर धन निकासी की अधिकतम सीमा 24,000 रुपये तय की गई है।

बीमार चल रहीं अपनी मां और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की जगह लेते हुए राहुल ने कांग्रेस स्थापना दिवस के अवसर पर आज पहली बार पार्टी मुख्यालय में तिरंगा फहराया। साथ ही उन्होंने आज पहली बार पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को संबोधित किया जिसमें कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य शामिल थे। यह कांग्रेस अध्यक्ष पद की ओर उनके बढ़ते रास्ते का संकेतक माना जा रहा है।

अपने संबोधन में राहुल गांधी ने कहा कि  कांग्रेस का अर्थ एक-दूसरे को समझना है। कांग्रेस का अर्थ है, मैं अकेला नहीं हूं और मेरे अलावा भी कोई दृष्टिकोण है। कांग्रेस एक विचार है, कि सिर्फ मेरी मर्जी ही नहीं चलेगी। मुझे आपकी मर्जी भी जाननी होगी। कांग्रेस का अर्थ आप तक पहुंचना है, कांग्रेस का अर्थ आपको सुनना है। कांग्रेस मतलब एक-दूसरे को समझना है।

समावेशी कांग्रेस के विपरीत भाजपा को विभाजनकारी बल बताते हुए उन्होंने कहा कि  मोदी सरकार आज हमारे देश के ताने-बाने को छिन्न-भिन्न कर रही है। मोदी जी की नीतियां लोगों के बीच डर का मनोविज्ञान पैदा कर रही हैं। मोदी जी इस डर और दर्द को घृणा में बदलने का प्रयास कर रहे हैं। नोटबंदी इसका उदाहरण है।

 

उन्होंने कहा, लक्ष्य चुनिंदा लोगों की सरकार चलाना, गरीबों से धन छीनना और उसे कुछ लोगों में बांट देना है। डर और गुस्सा फैलाओ  तथा उसके बल पर राज करो। हमने दिखाया है कि मोदी जी पर सवाल उठे हैं और उनपर आरोप हैं। उन्हें इन सवालों के जवाब देने चाहिए।

स्वतंत्रता संग्राम में कांग्रेस के इतिहास की बात करते हुए राहुल ने कहा कि  कांग्रेस ने लोगों को स्वराज और स्वतंत्रता का अर्थ समझाने में मदद की। कांग्रेस डर से लड़ने में मदद करती है। (एजेंसी)

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