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जामिया के दीक्षांत समारोह में नहीं शामिल होंगे पीएम मोदी

दिल्ली स्थित केंद्रिय विश्वविद्यालय जामिया मिल्लिया इस्लामिया के वार्षिक दीक्षांत समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नहीं शामिल होंगे। विश्वविद्यालय ने 19 जनवरी को वार्षिक दीक्षांत समारोह का आयोजन करने का फैसला किया है।
जामिया के दीक्षांत समारोह में नहीं शामिल होंगे पीएम मोदी

जाने माने वैज्ञानिक गोवर्धन मेहता समारोह में मुख्य अतिथि होंगे। पीएम मोदी ने समय की कमी की वजह से समारोह की अध्यक्षता करने में अपनी असमर्थता व्यक्त की है। आमतौर पर जामिया का वार्षिक दीक्षांत समारोह हर साल नवंबर में आयोजित होता है। लेकिन इस साल जामिया ने समारोह की अध्यक्षता के लिए पीएम को निमंत्रण भेजा था जिसका विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रों समेत कई अन्य लोग विरोध कर रहे थे। मोदी के जामिया आने का विरोध करने वाले मोदी द्वारा साल 2008 में विश्वविद्यालय के खिलाफ की गई टिप्पणियों के मद्देनजर निमंत्रण को वापस लेने की मांग कर रहे थे। जामिया में मोदी को बुलाने का विरोध करने वालों में कई वैसे छात्र थे जिन्हें इस साल समारोह में डिग्री मिलनी थी।  

विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा नवंबर में मोदी को निमंत्रण भेजने से एक विवाद शुरू हो गया था। हालांकि जामिया प्रशासन पीएम को भेजे गए निमंत्रण के फैसले पर कायम था और पीएम के आने को लेकर आशांवित भी था। जामिया ने पूर्व छात्रों की मांग को खारिज कर दिया था और कहा था कि वह दीक्षांत समारोह की तारीख पर फैसला करने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के जवाब तक का इंतजार करेगा। जामिया के प्रवक्ता मुकेश रंजन ने कहा, हमें पीएमओ से जवाब मिला है कि प्रधानमंत्री समय की कमी की वजह से विश्वविद्यालय का दौरा नहीं कर पाएंगे। इसलिए, हमने गोवर्धन मेहता को आमंत्रित किया है जिन्होंने अपनी रजामंदी दी है जिसके बाद हमने उचित तारीख का फैसला किया। रंजन ने कहा कि विश्वविद्यालय को पूर्व छात्रों के विरोध से कोई लेना देना नहीं है और वह निकट भविष्य में कभी मोदी की मेजबानी को लेकर आशान्वित है।

कुछ पूर्व छात्र इसलिए विरोध कर रहे हैं क्योंकि  मोदी ने सितंबर 2008 में बटला हाउस मुठभेड़ के बाद जामिया पर निशाना साधा था। 2008 में गुजरात में एक जनसभा को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा था, दिल्ली में जामिया मिल्लिया इस्लामिया नाम का एक विश्वविद्यालय है। इसने सार्वजनिक रूप से घोषणा की है कि वह कृत्य में शामिल आतंकवादियों की कानूनी लडाई का खर्च उठाएगा। जाकर डूब मरो। यह जामिया मिल्लिया सरकारी खर्च पर चल रहा है और यह आतंकवादियों को जेल से बाहर निकालने के लिए वकीलों पर धन खर्च करने की हिम्मत कर रहा है। यह वोटबैंक की राजनीति कब खत्म होगी? इससे पहले जामिया के तत्कालीन कुलपति मुशीरूल हसन ने एक बयान में कहा था कि विश्वविद्यालय आतंकी गतिविधियों में संदिग्ध संलिप्तता के लिए गिरफ्तार अपने दो छात्रों को कानूनी मदद देगा।

विश्वविद्यालय ने आज घोषणा की कि दीक्षांत समारोह जामिया परिसर के स्पोर्ट्स कॉंप्लेक्स (भोपाल ग्राउंड) में 19 जनवरी को होगा। समारोह में जम्मू कश्मीर के राज्यपाल एनएन वोहरा को डॉक्टर आफ लेटर्स से सम्मानित किया जाएगा। एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि हैदराबाद विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति, बेंगलुरू स्थित भारतीय विज्ञान संस्थान के पूर्व निदेशक तथा फिलहाल राष्ट्रीय अनुसंधान प्रोफेसर और लिली जुबिलेंट चेयर गोवर्धन मेहता समारोह में मुख्य अतिथि होंगे।

 

 

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