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इशरत मामले में हलफनामे पर भाजपा ने साधा कांग्रेस पर निशाना

भाजपा और सरकार ने इशरत जहां मामले को लेकर आज कांग्रेस पर तीखा प्रहार किया और दावा किया कि पार्टी इस बहाने नरेंद्र मोदी को खत्म कर देना चाहती थी और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस योजना पर बड़ी सक्रियता से काम किया।
इशरत मामले में हलफनामे पर भाजपा ने साधा कांग्रेस पर निशाना

मीडिया में आई एक खबर का हवाला देते हुए, जिसके अनुसार तत्कालीन गृह मंत्री पी चिदंबरम ने मुठभेड़ मामले के पहले हलफनामे पर दस्तख्त किए थे, केन्द्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि कांग्रेस पार्टी खास तौर से सोनिया गांधी और उनके पुत्र राहुल को जिम्मेदारी लेनी चाहिए क्योंकि चिदंबरम ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि पार्टा को राजनीतिक तौर पर मोदी से लोहा लेना कहीं मुश्किल लगा। उन्होंने कहा, आपने आतंक की योजना इस तरह से बनाई जो मोदी को खत्म कर सकती थी। आपने यह साफ तौर पर माना कि आप इससे राजनीतिक तौर पर नहीं लड़ सकते थे। इसलिए खत्म करो या खत्म करने की इजाजत दो या उस नेता के खात्मे को बढ़ावा दो, जिससे राजनीतिक तौर पर लड़ा नहीं जा सकता।

 

भाजपा कार्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा,  आपकी योजना थी कि हम हरसंभव स्तर पर यह साबित करने की कोशिश करेंगे कि वह किसी एक वर्ग के खिलाफ हैं, ऐसा दिखाया जाएगा जैसे उनके खिलाफ कोई आतंकी खतरा नहीं था। उन्होंने कहा कि यह बहस सिर्फ चिदंबरम तक ही सीमित नहीं रही। सोनिया गांधी ने इस पर सक्रियता से काम किया। यही वजह है कि वह उस शहर में गईं और कहा कि मुठभेड़ हुई है हालांकि ऐसी कोई खुफिया सूचना नहीं थी कि कोई आतंकी साजिश थी। सीतारमन ने कहा, वह चुपचाप यह देखना चाहते थे कि आतंकी साजिश एक राजनीतिक विरोधी का खात्मा करने के स्तर तक बढ़ जाए। सबसे गंभीर चिंता की बात यह है कि देश के गुप्तचर और प्रति गुप्तचर तंत्र को किस तरह से कमजोर किया गया। केंद्रीय मंत्री किरन रिजिजू ने भी कांग्रेस और चिदंबरम पर निशाना साधा और कहा कि वह अकेले इस तरह के राष्ट्र विरोधी कृत्य को अंजाम नहीं दे सकते थे। अकेले चिदंबरम नहीं बल्कि पूरी कांग्रेस को इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए।

 

 

भाजपा के हमले के जवाब में कांग्रेस ने आरोप लगाया कि फर्जी मुठभेड़ों के बुनियादी मुद्दे को हल्का करने के जानबूझकर प्रयास किए जा रहे हैं। पार्टी प्रवक्ता शकील अहमद ने कहा, मुद्दा यह है कि क्या यह फर्जी मुठभेड़ थी या वास्तविक थी। अदालत ने कहा है कि यह फर्जी मुठभेड़ थी। अब मुख्य मुद्दे को हल्का करने के लिए खबरें लाई जा रहीं हैं। उन्होंने कहा कि न्यायिक मजिस्ट्रेट ने कहा था कि यह फर्जी मुठभेड़ थी और उच्च न्यायालय ने भी कहा था। खबरों में दावा किया गया है कि इशरत को लश्कर-ए-तैयबा की सदस्य बताने वाले हलफनामे पर चिदंबरम ने उस समय दस्तखत किए थे जब वह गृह मंत्री थे।

 

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