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महाराष्ट्र में सियासी उठापटक के बीच संजय राउत बोले- एकनाथ शिंदे हमारे साथ, शिवसेना विधायकों की बगावत के पीछे बीजेपी

महाराष्ट्र विधान परिषद चुनाव नतीजे मने आने के बाद से सियासी भूचाल आ गया है। मंगलवार सुबह जानकारी आई कि...
महाराष्ट्र में सियासी उठापटक के बीच संजय राउत बोले- एकनाथ शिंदे हमारे साथ, शिवसेना विधायकों की बगावत के पीछे बीजेपी

महाराष्ट्र विधान परिषद चुनाव नतीजे मने आने के बाद से सियासी भूचाल आ गया है। मंगलवार सुबह जानकारी आई कि उद्धव सरकार के कुछ बागी विधायकों ने गुजरात के सूरत में हैं। उनके साथ शिवसेना के वरिष्ठ नेता और मंत्री एकनाथ शिंदे हैं। इसके साथ ही राज्य सरकार में हलचलें तेज हो गईं हैं और वार-पलावटर शुरु हो गया है। इस बीच शिवसेना नेता संजय राउत ने भाजपा पर निशाना साधा है। सूरत में हमारे विधायकों को डरा-धमका कर रखा गया है। भाजपा ऑपरेशन लोटस की तरह रणनीति अपना रही है। इस सारे घटनाक्रम के पीछे बीजेपी है।

संजय राउत ने कहा कि गुजरात से कई विधायक आना चाहते हैं। मुझसे कई विधायकों ने संपर्क किया लेकिन बताया कि उनकी जान की खतरे में है।  हमारे विधायकों की किडनैपिंग कर बीजेपी सरकार गिराने की कोशिश कर रही है या विधायक तोड़ने की कोशिश कर रही है। उनके विधायकों का बीजेपी के साथ जाने का सवाल नहीं उठता। बीजेपी ने हमें 10 बार अपमानित किया, क्या हम उनके साथ जाएंगे?

वहीं, शिवसेना से बगावत करने वाले मंत्री एकनाथ शिंदे ने पहली प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने ट्वीट कर  कहा कि हम बालासाहेब के पक्के शिवसैनिक है। बालासाहेब ने हमें हिंदुत्व सिखाया है। बालासाहेब के विचारों और धर्मवीर आनंद दीघे साहब की शिक्षाओं के बारे में सत्ता के लिए हमने कभी धोखा नहीं दिया और न कभी धोखा देंगे। इस बीच सूत्रों ने बताया कि, शिवसेना ने एकनाथ शिंदे को विधायक दल के नेता पद से हटाने का किया फैसला लिया है। सेवरी से विधायक अजय चौधरी शिवसेना विधायक दल के नए नेता होंगे।

महाराष्ट्र में राजनीतिक स्थिति पर राकांपा प्रमुख शरद पवार ने कहा कि पिछले ढाई साल में यह तीसरी ऐसी घटना है। एनसीपी के सभी विधायकों ने एमएलसी चुनाव में हमें वोट दिया। ऐसे चुनावों में क्रॉस वोटिंग होती है, इसमें कुछ भी नया नहीं है। सरकार चलती रहेगी। उन्होंने भरोसा जताया कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे हालात संभाल लेंगे।

महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि  अभी तक न तो भाजपा की ओर से और न ही एकनाथ शिंदे की ओर से सरकार गठन को लेकर कोई प्रस्ताव आया है और न ही भाजपा ने उन्हें कोई प्रस्ताव भेजा है लेकिन राजनीति में कभी भी कुछ भी हो सकता है। उन्होंने कहा कि कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी, हम फिलहाल इंतजार कर रहे हैं और स्थिति पर नजर रख रहे हैं। अभी तक ऐसी कोई स्थिति नहीं है जो अविश्वास प्रस्ताव के लिए विशेष सत्र बुलाए जाने की मांग करे। 18 जुलाई से विधानसभा का सत्र शुरू होगा और फिर हम इस पर गौर करेंगे।

भाजपा प्रमुख ने कहा कि राज्यसभा और एमएलसी चुनावों के लिए बीजेपी को निर्दलीय और छोटे राजनीतिक दलों का समर्थन मिला। हमारी जानकारी के अनुसार एकनाथ शिंदे और 35 विधायक जा चुके हैं। इसका मतलब है कि तकनीकी रूप से राज्य सरकार अल्पमत में है लेकिन व्यावहारिक रूप से सरकार को अल्पमत में आने में कुछ समय लगेगा।

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