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गुजरात में साझा मोर्चा मिलकर लड़ेगा चुनावः कपिल सिब्बल

पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि जो बातें हार्दिक पटेल ने रखी थी उसे संविधान के दायरे के...
गुजरात में साझा मोर्चा मिलकर लड़ेगा चुनावः कपिल सिब्बल

पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि जो बातें हार्दिक पटेल ने रखी थी उसे संविधान के दायरे के रखकर कांग्रेस ने एक फार्मूला दिया है और इस बात को लेकर कांग्रेस को खुशी है कि अब एक साझा मोर्चा भाजपा के खिलाफ एकजुट होकर चुनाव लड़ेगा। गुजरात की जनता चाहती है कि 22 साल बाद भाजपा से किसी तरह छुटकारा मिला जाए।

अहमदाबाद से लौटकर दिल्ली में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कपिल सिब्बल ने फार्मूले की जानकारी देने के सवाल पर कहा कि जहां तक फार्मूला का सवाल है वह हार्दिक खुद ही बताएंगे आपको। आगामी दिनों में संवैधानिक तरह से किस तरह आगे बढ़ा जाएगा, वो आपको पता लग जाएगा लेकिन हमें इस बात को लेकर खुशी है कि लग रहा है कि अब एक साझा मोर्चा भाजपा के खिलाफ एक जुट होकर चुनाव लड़ेगा। 

यह पूछे जाने पर क्या 50 फीसदी आरक्षण की बात हुई है. इस पर उन्होंने कहा कि आपको सब पता चल जाएगा। यह सब मामले तो तय होंगे। पहले तो  हमें संघर्ष करना है। उसके बाद चुनाव  में जीतना है। जो भी हमने वादे किए हैं उस पर अमल करना है। हम लोग वैसे नहीं कि 22 साल बाद बड़ी-बड़ी बात करके, सपने दिखाकर और गलत आकड़े जनता के बीच रखकर चुनाव जीतें।

हार्दिक का आभार जताते हुए उन्होंने कहा कि एक सोच के साथ सब एकसाथ चुनाव लड़ेंगे क्योंकि हमारा मकसद  चुनाव जीतना और जनता के साथ किए वादे पूरा करना हैं।  क्या यह संवैधानिक तौर पर संभव है इस सवाल पर उन्होंने कहा कि हमने एक सुझाव दिया है जब हम सुझाव देते हैं तो निश्चित रूप से सोच समझकर देते हैं। उनकी बातें सामने रखते हुए यह सुझाव दिया है, आगे देखते हैं क्या होगा।

गुजरात के उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने कहा है कि जो सुझाव आपने दिया है जिसे हार्दिक को कुछ पता नहीं है, वह कहीं स्टैंड नहीं करेगा यह तो सिर्फ चुनाव तक इसे टाला जा रहा है, इस पर कपिल सिब्बल ने कहा कि भाजपा को कुछ पता  नहीं है, 22 साल तक जनता को गुमराह करती रही है। मैं सवाल करना चाहता हूं भाजपा ने तरह तरह के षड़यंत्र अपनाएं। जब पाटीदारों का विरोध हुआ और हार्दिक आगे तो उन पर सेडीशन का केस किसने लगाया। भाजपा को संविधान से कुछ लेना देना नहीं है। न ही कभी संविधान का पालन किया जिसका प्रतीक गुजरात है। बेहतर होगा यह जितना संविधान की कम बात करें उतना इनके लिए अच्छा है क्योंकि देश में जनता समझ चुकी है कि इन्हें संविधान के कुछ लेना देना नहीं है।

सोशल मीडिया पर आने वाली टिप्पणियों पर उन्होंने कहा कि भाजपा का कौन सा नेता नेतृत्व इस तरह के बयान नहीं देता था।  हम भी इस तरह की बात करने लगेंगे तो स्तर गिया जाएगा। उंगुली या सिर काटने जैसी भाषा कांग्रेस ने कभी इस्तेमाल नहीं की। इनका मकसद केवल समाज में बंटवारा करना और गलत बयानी करके चुनाव जीतना है।

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