Advertisement

उत्तराखंड में सभी 9 बागी कांग्रेस विधायकों की सदस्यता समाप्त

उत्तराखंड में मुख्यमंत्री हरीश रावत की सरकार के बहुमत परीक्षण से पहले शनिवार की देर रात विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने सभी 9 बागी कांग्रेस विधायकों की सदस्यता समाप्त कर दी है। इन विधायकों को दलबदल कानून के तहत अपना पक्ष रखने के लिए शनिवार शाम तक का समय दिया गया था मगर किसी ने अपना जवाब नहीं भेजा। विधायक सुबोध उनियाल जरूर वकीलों के साथ कुंजवाल से मिलने पहुंचे थे मगर वह भी थोड़ी ही देर में वहां से निकल गए थे।
उत्तराखंड में सभी 9 बागी कांग्रेस विधायकों की सदस्यता समाप्त

अब सबकी निगाहें रविवार पर टिकी हैं जब यह विधायक विधानसभा अध्यक्ष के फैसले के खिलाफ हाइकोर्ट में अपील कर सकते हैं। वैसे रविवार छुट्टी का दिन है मगर आपात स्थिति में अतीत में भी अदालतों ने छुट्टी के दिन सुनवाई की है।

दूसरी ओर लोगों की निगाहें केंद्र सरकार पर भी रहेंगी क्योंकि उत्तराखंड में चल रहे सियासी घमासान के बीच शनिवार की रात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने निवास पर आनन-फानन में कैबिनेट की बैठक आयोजित की जिससे राजनीतिक पारा चरम पर पहुंच गया। लोगों को लगा कि सरकार शायद आज ही राष्ट्रपति के पास राज्य में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश भेज दे। हालांकि देर रात तक चली बैठक के बाद ऐसी कोई सिफारिश राष्ट्रपति को भेजे जाने की सूचना नहीं आई थी। बताया जा रहा है कि अब शायद रविवार को फिर से कैबिनेट की बैठक हो सकती है। इस मामले में कांग्रेस ने भी आक्रामक रुख अपनाते हुए कैबिनेट बैठक चलने के दौरान ही प्रेस कॉन्फ्रेस आयोजित कर सरकार पर हमला बोला।

वैसे उत्तराखंड मामले में शनिवार को पूरे दिन और रात घटनाक्रम तेज गति से घूमता रहा। दिन के पहले हिस्से में जहां कांग्रेस के बागी विधायकों का नेतृत्व कर रहे हरक सिंह रावत ने मुख्यमंत्री हरीश रावत के एक स्टिंग ऑपरेशन की सीडी जारी करते हुए यह आरोप लगाया कि राज्य के एक समाचार चैनल के प्रमुख के साथ बातचीत में मुख्यमंत्री विधायकों को खरीदने के लिए 15 करोड़ रुपये तक खर्च करने की बात कर रहे हैं वहीं इस सीडी के सामने आने के तुरंत बाद आनन-फानन में बुलाए गए एक मीडिया कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री हरीश रावत ने स्टिंग को फर्जी करार दिया। हालांकि उन्होंने इस सवाल का कोई जवाब नहीं दिया कि स्टिंग में दिखाई देने वाला शख्स वही हैं या नहीं। वैसे इस स्टिंग के सामने आने से कांग्रेस की स्थिति असहज हो गई क्योंकि सीडी विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए राज्यपाल द्वारा हरीश रावत को दिए समयसीमा के खत्म होने से ठीक दो दिन पहले सामने आई है। सीडी की सत्यता की जांच होते-होते होगी मगर इसने तात्कालिक नुकसान तो कर ही दिया है।

सारे घटनाक्रम के बीच सियासी सरगर्मी रात साढ़े नौ बजे तक अचानक बढ़ गई जब यह खबरें आने लगी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपना असम दौरा बीच में छोड़कर दिल्ली लौट आए हैं और उन्होंने उत्तराखंड मसले पर कैबिनेट की आपात बैठक अपने निवास पर बुलाई है। मीडिया में ऐसी खबरें आने पर कि सरकार राज्य में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश कर सकती है, कांग्रेस ने भी आनन-फानन में प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन कर सरकार पर हमला बोल दिया। वरिष्ठ कांग्रेस नेता अंबिका सोनी ने मीडिया के सामने सवाल उठाया कि आखिर राज्य की स्थिति में ऐसा कौन सा बदलाव आ गया था कि पीएम को यूं आपात बैठक बुलानी पड़ी। सोनी ने कहा कि दरअसल सरकार किसी भी तरह राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाना चाहती है और हरीश रावत को विधानसभा में बहुमत साबित नहीं करने देना चाहती क्योंकि रावत आसानी से वहां अपना बहुमत साबित कर देंगे। सोनी ने भी हरीश रावत से जुड़े स्टिंग को फर्जी करार दिया और कहा कि यह दरअसल भाजपा की साजिश है जो किसी भी तरह उत्तराखंड सरकार को हटाना चाहती है। 

Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad