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बंगाल और असम में असंतुष्टों का क्षोभ उमड़ा

बंगाल और असम में विधानसभा सीटों पर गठबंधन कर रही पार्टियों के बीच आपसी खींचतान सड़क पर आने लगी है। पार्टियों में नाराज असंतुष्ट भी खुलकर रोष जताने लगे हैं। कोलकाता में नाराज माकपा कैडरों ने दो इलाकों में जोनल कमेटी के दफ्तरों समेत 40 कार्यालयों पर ताला जड़ दिया। असंतोष थामने की कोशिश में राजनीतिक दलों के शीर्षस्थ नेताओं के पसीने छूटने लगे हैं। बंगाल में वाममोर्चा और कांग्रेस के बीच सीट समझौते को लेकर असंतुष्ट माकपा कैडर सड़क पर उतरने लगे हैं। अनुशासित मानी जाने वाली माकपा के कोलकाता स्थित मुख्यालय पर धरना-प्रदर्शन का दौर-दौरा शुरू हो गया है। इसी तरह असम में भाजपा, असम गण परिषद और बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट के कार्यकर्ता खुलकर असंतोष जताने लगे हैं।
बंगाल और असम में असंतुष्टों का क्षोभ उमड़ा

दिल्ली और कोलकाता में माकपा और कांग्रेस के नेता बातचीत जारी रखे हुए हैं और बंगाल में सीटों के बंटवारे को अंतिम रूप देने में जुटे हैं। लेकिन कोलकाता के अलीमुद्दीन स्ट्रीट स्थित माकपा के प्रदेश मुख्यालय पर कैडरों से प्रदर्शन से आला नेता सकते में हैं। मनमाफिक उम्मीदवार नहीं मिलने से नाराज असंतुष्टों ने भाटपाड़ा और विधाननगर में जोनल कमेटी के दफ्तर पर ताला जड़ दिया और प्रदेश मुख्यालय जाकर प्रदर्शन करने लगे। प्रदर्शकारियों की भीड़ में पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य फंस गए। बाद में माकपा के प्रदेश दफ्तर से कैडर भेजकर दफ्तरों के ताले खुलवाए गए। भाटपाड़ा और जोड़ासांको की सीट राष्ट्रीय जनता दल के लिए छोड़े जाने से कैडर नाराज थे। वाममोर्चा के चेयरमैन बिमान बोस के अनुसार, बंगाल में वामो की घटक पार्टी है राजद। दो सीटें हिंदीभाषी बहुल इलाकों में उनके लिए सीटें छोड़ी गई थीं। पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य ने टिप्पणी की, वामो की कभी ऐसी संस्कृति नहीं रही।

ऊधर, कांग्रेस और वाममोर्चा में चल रही खींचतान को निपटाने के लिए पीसीसी के पूर्व अध्यक्ष सोमेन मित्र को बातचीत के लिए आगे किया गया है। उनके माकपा नेताओं के साथ घनिष्ठ संबंध बताए जाते हैं। दोनों पक्षों ने अपनी से सूची (वामो 200, कांग्रेस 75) घोषित कर दी है। मुर्शिदाबाद की छह, वीरभूम की चार, पुरुलिया और पूर्व मेदिनीपुर की एक-एक सीटों को लेकर खींचतान चल रही है।

दूसरी ओर, असम में भारतीय जनता पार्टी गठबंधन के बीच असंतोष उभरने लगे हैं। भाजपा, असम गण परिषद और बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर खींचतान चल ही रही है, इन पार्टियों में भी असंतुष्ट खुलकर सामने आने लगे हैं। भाजपा नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री कवीन्द्र पुरकायस्थ के बेटे कणाद का बराक वैली सीट से नाम कटने का मामला तूल पकड़ रहा है। इस मुद्दे पर कवीन्द्र पुरकायस्थ का साथ दे रहे हैं आरपी शर्मा, रमेन डेका और हेमंत विश्वशर्मा। 

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