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दलित उत्पीड़न पर बोलने नहीं दिया तो मायावती ने दिया राज्यसभा से इस्तीफा, सभापति को सौंपा त्याग-पत्र

बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने मंगलवार को राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया है। मायावती ने राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रापति हामिद अंसारी को इस्तीफा सौंपा है।
दलित उत्पीड़न पर बोलने नहीं दिया तो मायावती ने दिया राज्यसभा से इस्तीफा, सभापति को सौंपा त्याग-पत्र

बता दें कि अगले साल अप्रैल माह तक ही मायावती का कार्यकाल था। उन्होंने सभापति हामिद अंसारी को तीन पन्नों की चिट्ठी के साथ अपना त्याग-पत्र सौंपा है। 
इस्तीफा देने के बाद बसपा सुप्रीमो मायवाती ने मीडिया को बताया कि सहारनपुर हिंसा में दलितों के उत्पीड़न पर मुझे बोलने का मौका सत्ता पक्ष ने नहीं दिया, इसलिए मैंने राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया है। मायावती ने कहा, 'मैं जिस समाज से आती हूं अगर उसकी बात ही सदन में ना रख सकूं तो ऐसे में मैंने इस्तीफा देना उचित समझा'। 



मायावती का तीन पन्नों की चिट्ठी के साथ इस्तीफा-
 
 
 
गौरतलब है कि मंगलवार को मानसून सत्र के दूसरे दिन बसपा सुप्रीमो मायवाती जैसे ही अपनी बात सदन में रखने लगी तभी उपसभापति पीजे कुरियन ने मायावती को अपनी बात तीन मिनट में खत्म करने को कहा था। इस पर मायावती नाराज हो गईं और कहा कि वह एक गंभीर मुद्दा उठा रही हैं, जिसके लिए उन्हें अधिक वक्त चाहिए। इसके बाद जैसे ही मायावती ने कहा कि सहारनपुर घटना केंद्र की साजिश थी, वैसे ही राज्यसभा में हंगामा होने लगा और मायावती ने उपसभापति को कहा कि आप मुझे बोलने नहीं देंगे तो मैं सदन से इस्तीफा दे देती हूं।
 
कुरियन के रोकने पर मायावती ने यह भी कहा कि वह जिस समाज से संबंध रखती हैं, उस समाज से जुड़े मुद्दे उठाने से उन्हें कैसे रोका जा सकता है। उन्होंने कहा, 'अगर मैं दलितों के खिलाफ हो रही ज्यादतियों को लेकर अपनी बात ही सदन में नहीं रख सकती तो मुझे इस सदन में बने रहने का नैतिक अधिकार भी नहीं है।  मायावती ने कहा कि दलितों और छोटे तबकों के लोगों पर लगातार अत्याचार हो रहा है। सहारनपुर में दलितों का बड़े पैमाने पर उत्पीड़न हुआ। गुजरात के ऊना में दलितों पर अत्याचार हुआ। मुझे शब्बीरपुर में हेलीकॉप्टर से जाने की इजाजत नहीं दी गई।
 
दरअसल, मानसून सत्र के पहले से ही गरमागरम होने की उम्मीद थी। कई मसलों पर सरकार को घेरते हुए हंगामे के जरिए एक बार फिर विपक्ष अपनी एकजुटता को प्रदर्शित कर रहा है। कांग्रेस पार्टी ने मॉब लिंचिंग और मंदसौर में किसानों पर की गई पु‌लिस फायरिंग के मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव दिया है।
 

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