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भूमि अधिग्रहण पर कितना अड़ेगी सरकार

विपक्ष के भारी विरोध और वॉकआउट के बीच सरकार ने लोकसभा में भूमि अधिग्रहण संशोधन विधेयक पेश कर दिया। लेकिन सरकार इस विधेयक को लेकर कितना अड़ियल रूख अपनायेगी यह अभी साफ नहीं है।
भूमि अधिग्रहण पर कितना अड़ेगी सरकार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा संसदीय दल की बैठक में साफ तौर पर ‌कहा कि भूमि अधिग्रहण अध्यादेश को लेकर बचाव में आने की जरूरत नहीं है। हम जो कानून ला रहे हैं, वह किसानों और गरीबों के हित में है। इस मुद्दे पर बनाये गए मिथ की हवा निकालनी चाहिए। एक तरफ तो प्रधानमंत्री इस विधेयक को लागू करने पर जोर दे रहे हैं तो दूसरी ओर भाजपा ने किसान संगठनों और अन्य प्रतिनिधियों के सुझाव के लिए एक समिति का गठन किया है।

पूर्व केंद्रीय मंत्री सतपाल मलिक इसके संयोजक होंगे। सरकार और संगठन के दो अलग-अलग राय से यह समझ पाना मुश्किल है कि अगला कदम क्या होगा। लेकिन सड़क से लेकर संसद तक हंगामा जारी है। 

केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री चौधरी बीरेन्द्र सिंह ने जैसे ही भूमि अर्जन, पुनर्वासन में उचित प्रतिकार और पारदर्शिता का अधिकार संशोधन विधेयक 2015 को पेश करने की अनुमति मांगी पूरा विपक्ष अपने स्थानों पर खड़े होकर इसका विरोध करने लगा। कांग्रेस, सपा, तृणमूल कांग्रेस, राजद, आम आदमी पार्टी सहित कई विपक्षी दलों के सदस्य अध्यक्ष के आसन के निकट आ गये और विधेयक को पेश किये जाने का विरोध करने लगे।

लेकिन सरकार ने हंगामे के बीच ही विधेयक पेश कर दिया। संसदीय कार्य मंत्री एम वेंकैया नायडू ने विपक्षी सदस्यों को राजी कराने का प्रयास करते हुए कहा कि सरकार पूरी तरह से किसानों के हित में है और वह इस विधेयक के प्रावधानों पर चर्चा के लिए तैयार है। लेकिन विपक्षी सदस्यों पर इसका असर नहीं हुआ।

तृणमूल कांग्रेस के स्वागत राय ने इसे किसान विरोधी करार देते हुए कहा कि इससे किसान खस्ताहाल हो जायेंगे। उन्होंने विधेयक को पेश किये जाने का पुरजोर विरोध करते हुए कहा कि पूरे देश में इसका विरोध चल रहा है। बीजू जनता दल के भर्तहरी महताब ने कहा कि कहा कि इससे देश का बड़ा तबका प्रभावित होगा। राजग सरकार को समर्थन दे रहे स्वाभिमानी शतकरी संगठन के राजू शेट्टी ने भी इसका विरोध किया।

हंगामे के बीच लोकसभा अध्यक्ष ने ध्वनिमत से विधेयक पेश किये जाने की अनुमति दी और मंत्री ने विधेयक पेश किया। इसके विरोध में विपक्षी दलों ने सदन से वाकआउट किया। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने कहा कि समूचा विपक्ष भूमि अधिग्रहण विधेयक के खिलाफ। यह किसान विरोधी सरकार है। उधर राज्यसभा में वित्त मंत्री अरूण जेटली ने अध्यादेश के जरिये भूमि अधिग्रहण कानून लाने का बचाव करते हुए कहा कि आजादी के बाद से 639 अध्यादेश के जरिये कानून लागू किये गए और उनमें से 80 प्रतिशत कांग्रेस के शासनकाल में हुआ।

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