Advertisement

भाजपा-पीडीपी समझौते से हल होंगे सवाल?

जम्मू-कश्मीर में भारतीय जनता पार्टी और पीडीपी सरकार बनाने के लिए कई मुद्दों पर सहमति बनाते दिख रहे हैं। लेकिन अनुच्छेद 370 और सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम जैसे मुद्दों को लेकर जो सवाल हैं वह हल हो जाएगा।
भाजपा-पीडीपी समझौते से हल होंगे सवाल?

  हालांकि अभी किसी ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं लेकिन दोनों दल के नेताओं ने कई मुद्दों पर अपनी सहमति बनाना शुरू कर दिया है। पीडीपी नेता मुफ्ती मोहम्मद सईद ने संकेत भी दिया है कि भाजपा से कई मुद्दों पर सरकार बनाने के लिए सहमति हो रही है। वहीं भाजपा नेता राम माधव ने भी वही बात दुहराई कि पीडीपी संविधान के अनुच्छेद 370 और सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम जैसे मुद्दों के बारे में समान आधार ढूंढने के भरसक प्रयास कर रही है, जिन्हें लेकर दोनों दलों के पारंपरिक रूप से अलग अलग विचार रहे हैं। 

दोनों दलों के नेताओं के बयान इस ओर इशारा कर रहे हैं कि सरकार बनाने के लिए जल्द ही समाधान निकल जाएगा। सूत्रों के मुताबिक कई मामलों पर समझौता हो चुका है। केवल दो ऐसे मुद्दे हैं जिस पर सहमति नहीं बन पाई है। राम माधव ने कहा कि अगर कोई पक्ष अगर सहमति जता चुका होता तो मतभेदों का समाधान बहुत पहले हो चुका होता। दोनों दल सरकार बनाने के लिए साझा सहमति बनाने पर विचार कर रहे हैं।

राम माधव के मुताबिक दोनों दलों के अपने दृढ़ विचार हैं और वे इस दिशा में प्रयास कर रहे हैं कि शासन के व्यापक एजेंडे के तहत इन विचारों को कैसे रखा जाए। जब तक समान विचारों पर नहीं पंहुचा जाता है तब तक कोई प्रगति संभव नहीं है।

जम्मू-कश्मीर की 87 सदस्यीय विधानसभा में पीडीपी के 28 और भाजपा के 25 सदस्य हैं। पिछले साल 23 दिसंबर को विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद से ही दोनों दल मिल कर सरकार बनाने की आपस में चर्चा कर रहे हैं। खंडित जनादेश के कारण राज्य में एक महीने से अधिक से राज्यपाल शासन है। अनुच्छेद 370 पर भाजपा ने हालांकि कोई लिखित आश्वासन नहीं दिया है, जैसा कि पीडीपी ने मांग की है, लेकिन साझा  न्यूनतम कार्यक्रम में यह उल्लेखित हो सकता है कि दोनों दल संविधान के परिधि में जनता की आकांक्षाओं का सम्मान करेंगे।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad