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फेसबुक की नई गाइडलाइंस क्यों

सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक ने अपनी नई कम्यूनिटी गाइडलाइंस जारी की है। इन गाइडलाइंस के मुताबिक घोषित तौर पर अस्वीकृत सामाजिक व्यवहार पर अंकुश लगाने की तैयारी है। इनमें नग्नता, हिंसा, नफरत फैलाने वाले संदेशों और विवादास्पद मुद्दों पर रोक लगाने की बात कही गई है। लेकिन फेसबुक ने ये गाइडलाइंस दुनियाभर के सत्ता प्रतिष्ठानों की तरफ से पड़ने वाले दबावों के बाद जारी की हैं। इनका खतरा यह है कि विभिन्न सरकारें जिन संदेशों को अपने हित में नहीं पाएंगी उनको रोकने की कोशिश कर सकती हैं।
फेसबुक की नई गाइडलाइंस क्यों

फेसबुक ने अपने बयान में कहा है कि साइट आतंकवादी गतिविधियों वाले संदेशों की पहचान कर उन्हें रोकेगी। फेसबुक ने एक बयान में कहा है कि नए मानकों के मुताबिक लोगों में आपसी साझेदारी और सम्मान को बढ़ावा देने वाली पोस्ट्स को बढ़ावा दिया जाएगा। फेसबुक ने यह भी कहा है कि लोग अपने असली नाम से ही अकाउंट बनाएं।

हालांकि फेसबुक ने कहा है कि किसी बात से असहमत होने या उससे परेशान होने पर जरूरी नहीं कि वह संदेश सामुदायिक मानकों की भी अनदेखी कर रहे हों, लेकिन नए मानकों को लागू करने पर दुनियाभर के सरकार विरोधी लोकतांत्रिक आंदोलनों के प्रति उसका क्या रुख रहेगा, यह साफ नहीं है।

फेसबुक ने कहा है कि वह जननांगों के प्रदर्शन की इजाजत नही देगा। इसके तहत नग्न देह को पोस्ट करने की इजाजत नहीं होगी। यानी अब न्यूड कलाकृतियों के लिए भी फेसबुक के दरवाजे बंद हो सकते हैं। श्लीलता और अश्लीलता की महीन बहस के बीच से निकले यह मानदंड अब तक फेसबुक पर हासिल कलात्मक आजादी पर भी रोक लगा सकते हैं।

फेसबुक का यह कहना है कि अब स्त्री के स्तनों को दिखाने की भी इजाजत नहीं होगी लेकिन बच्चे को दूध पिलाती मां के स्तन दिखाए जा सकते हैं।  

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