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सात दिन में बंद क्यों नहीं कर सकते सम-विषम योजनाः हाईकोर्ट

दिल्ली उच्च न्यायालय ने जनता को हो रही असुविधा की बात कहते हुए दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार से पूछा है कि वह सम-विषम योजना को एक सप्ताह तक के लिए सीमित क्यों नहीं कर सकती? उच्च न्यायालय ने दिल्ली सरकार से कहा, आपको यह मानना होगा कि आपके पास जनता को लाने-ले जाने के लिए पर्याप्त सार्वजनिक परिवहन नहीं है।
सात दिन में बंद क्यों नहीं कर सकते सम-विषम योजनाः हाईकोर्ट

उच्च न्यायालय ने एक से सात जनवरी के बीच दर्ज प्रदूषण के स्तर से जुड़े आंकड़े मांगे हैं। हाईकोर्ट ने कहा कि प्रदूषण के आंकड़े के लिए 15 दिन इंतजार क्यों, आप सात दिन के आंकड़े पेश करें। हाईकोर्ट ने सम विषम योजना के खिलाफ दायर 10 याचिकाओं की सुनवाई करते हुए यह बात कही। इन याचिकाओं ने कहा गया है कि दिल्ली सरकार की इस योजना से नागरिकों के यात्रा करने के संविधान प्रदत्त मूल अधिकार का हनन होता है। याचिकाओं में मांग की गई है कि इस योजना को समाप्त किया जाए।

दूसरी ओर विशेषज्ञों की राय है ‌कि दिल्ली में सम-विषम कार योजना लागू करने से भीड़भाड़ कम होने के कारण लोगों को प्रदूषण से सीधे प्रभावित होने से राहत मिल रही है। विशेष तौर पर वैसे क्षेत्रों में जहां कारों का घनत्व काफी अधिक रहता है। हालांकि इन विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि इस योजना से पीएम 2.5 और पीएम 10 एवं श्वसन को प्रभावित करने वाले अन्य तत्वों की मात्रा में कोई बड़ी कमी आने की उम्मीद नहीं की जानी चाहिए। विशेषज्ञों ने कहा कि कारों की संख्या कम होने से नाइट्रोजन आक्साइड, सल्फर आक्साइड और ब्लैक कार्बन जैसी गैसों के उत्सर्जन का स्तर कम हुआ है जो धूल कणों और वाहनों के धुएं के जरिये प्रदूषण फैलाते हैं। पर्यावरणविदों और शहरी योजनाकारों का कहना है कि खराब मौसम के कारण इसका वांछित लाभ नहीं मिल पाया है।

चेन्नई सिटी प्रोजेक्ट के राज चेरूबल ने कहा कि कम भीड़भाड़ से स्पष्ट हो गया है कि दिल्ली में सड़कों पर बसों और बीआरटी जैसी पहलों के लिए जगह है। इंस्टीट्यूट फॉर ट्रांसपोर्टेशन एंड डेवेलपमेंट की श्रेया गडीपल्ली ने कहा कि इस नीति ने बातचीत के लिए मंच प्रदान किया है। सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायर्नमेंट की अनुमिता राय चौधरी ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में व्यस्त समय के दौरान प्रदूषण के स्तर में कमी आई। उन्होंने कहा कि जब भीड़भाड़ के कारण वाहनों की रफ्तार कम हो जाती है तब वे अधिक उत्सर्जन करते हैं। यातायात के निर्बाध प्रवाह से इसे रोकने में मदद मिलती है।

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