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जयपुर: जब कबाड़ में रद्दी के भाव बिके 1830 ‘आधार’ कार्ड'

‘आधार’ से निजता के अधिकारी के हनन को लेकर अभी सुम्रीम कोर्ट में सुनवाई चल ही रही है कि जयपुर से इस...
जयपुर: जब कबाड़ में रद्दी के भाव बिके 1830 ‘आधार’ कार्ड'

‘आधार’ से निजता के अधिकारी के हनन को लेकर अभी सुम्रीम कोर्ट में सुनवाई चल ही रही है कि जयपुर से इस मामले में एक बड़ी और चौंकाने वाली खबर सामने आई है। जयपुर स्थित मुख्य डाक कार्यालय से 1830 ‘आधार कार्ड’ रद्दी में बेचने का मामला सामने आने के बाद डाक विभाग के अधिकारियों में हड़कंप मच गया।

राजधानी के बीचो-बीच जालुपुरा स्थित एक कबाड़ी के तब होश उड़ गए, जब उसने रद्दी का कट्टा खोला तो कागज की रद्दी की सैकड़ों की संख्या में आधार कार्ड निकले। जिस कट्टे को कबाड़ी रद्दी से भरा हुआ मानकर खरीद चुका था, वह असल में आधार कार्डों से भरा हुआ था।

यहां डाक कार्यालय के नजदीक ही जालुपुरा में छोटी मस्जिद के पास इस्लाम खान नामक एक कबाड़ी की दुकान है। इस्लाम खान किसी काम से बाहर गया हुआ था। दुकान पर उसका बेटा इमरान दुकान संभाल रहा था। इमरान खान को कोई जना एक कट्टा रद्दा को बेच गया। जब इमरान ने कागज की रद्दी का कट्टा खोलकर देखा तो उसकी आंखें फटी की फटी रह गई।

इमरान ने आसपास के लोगों को बुलाया और पुलिस को इत्तला दी। स्थानीय थानाधिकारी लिखमाराम चौधरी ने बताया कि पहली नजर और जांच में सामने आया है कि यह कट्टा डाक विभाग के यहां से किसी ने चोरी किया है। जो इसको कबाड़ी को बेच गया था।

डाक विभाग के अधिकारी पहुंचे और ले गए कट्टा

सूचना के बाद स्थानीय पार्षद इकरामुद्दीन भी मौके पर पहुंच गए। बाद में पूरे ‘आधार कार्ड’ से भरा कट्टा थाने ले जाया गया। जानकारी के बाद डाक विभाग के अधिकारी भी थाने पहुंचे। उन्होंने पुलिस से बात कर उसे डाक कार्यालय ले गए। लिखमाराम चौधरी ने बताया कि सभी आधार कार्डों को गिन लिया गया है। इनकी संख्या 1830 हैं और सभी कार्ड वार्ड नंबर 76 के लोगों के हैं। पुलिस जांच कर रही है कि किस एजेंसी के माध्यम से यह कार्ड लोगों तक पहुंचने थे और क्यूं नहीं पहुंचे हैं।

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