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यूपी में हो सकते हैं मंदसौर जैसे हालात, किसानों ने चेताया

अगर समय रहते कदम नहीं उठाए गए तो मध्यप्रदेश की तरह यूपी में भी आलू की खेती करने वाले व गन्ना किसानों का गुस्सा फूट सकता है। किसान संगठनों ने इसके लिए चेतावनी दी है।
यूपी में हो सकते हैं मंदसौर जैसे हालात, किसानों ने चेताया

भाकियू ने मंदसौर में पुलिस फायरिंग में मारे गए किसानों के मामले में एफआईआर व सीबीआई मांग पूरी नहीं करने पर रविवार से दूध व सब्जी की आपूर्ति रोकने की चेतावनी दी है। संकेत मिले हैं कि मध्यप्रदेश के बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान भी अपने मुद्दों, बकाये तथा सरकार से घोषित वादे पूरा कराने को लेकर आंदोलन का रास्ता अपना सकते हैं। योगी आदित्यनाथ के कई बार आश्वासन देने के बाद भी वादों पर अमल नहीं हो पाया है। इसे लेकर किसानों में खासा रोष है।

यूपी के किसान मध्यप्रदेश व महाराष्ट्र के आंदोलन पर नजर रखे हुए हैं तथा भविष्य में वे भी आंदोलन कर सकते हैं जिसकी रूपरेखा पर विचार चल रहा है। भाकियू के बैनर तले बुधवार को मध्यप्रदेश के किसान आंदोलन के समर्थन में जुलूस निकाल कर एकता का प्रदर्शन भी किया गया तथा मंदसौर में पुलिस कार्रवाई की निंदा की गई। भाकियू के अध्यक्ष राकेश टिकैत ने कहा कि हमारी समस्याओं का निदान नहीं हुआ है और हम मिलकर आंदोलन करेंगे। अब यह गूंज किसानों में भी सुनाई देने लगी है। भाकियू की ओर से मांगो को लकेर लखनऊ में प्रधानमंत्री को संबोधित डीएम को एक ज्ञापन भी दिया गया है तथा मंदसौर के दोषी पुलिस अफसरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई है।

भाकियू के प्रवक्ता आलोक वर्मा ने कहा है कि अगर किसानों की मांगें नहीं मानी गई तो दूध व सब्जी की आपूर्ति बंद कर दी जाएगी। राष्ट्रीय किसान मंच के अध्यक्ष शिखर दीक्षित का कहना है कि योगी आदित्यनाथ सरकार किसानों की मूल समस्याओँ का शीघ्र निदान करे या फिर मंदसौर जैसे हालात के लिए तैयार रहे। योगी सरकार द्वारा किए गए वादों पर अब तक अमल नहीं हो पाया है जिसे सरकार को पूरा करना चाहिए। चुनाव के दौरान भाजपा ने वादा किया था कि गन्ना किसानों के बकाये का शीघ्र भुगतान कराया जाएगा लेकिन हालात जस के तस हैं।

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