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हैदराबाद डॉक्टर रेप केस की जल्द सुनवाई को महबूबनगर में विशेष अदालत का होगा गठन

हैदाराबाद में महिला पशु चिकित्सक से दुष्कर्म और हत्या के मामले में स्पेशल अदालत की स्थापना को हरी...
हैदराबाद डॉक्टर रेप केस की जल्द सुनवाई को महबूबनगर में विशेष अदालत का होगा गठन

हैदाराबाद में महिला पशु चिकित्सक से दुष्कर्म और हत्या के मामले में स्पेशल अदालत की स्थापना को हरी झंडी मिल गई है। महिला डॉक्टर से रेप और हत्या मामले की सुनवाई के लिए महबूबनगर जिला अदालत में जल्द ही एक विशेष कोर्ट का गठन किया जाएगा। बता दें कि गैंगरेप के इस जघन्य मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है और वे फिलहाल 14 दिन की न्यायिक हिरासत में हैं।  

तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने किया था ये ऐलान

दरअसल, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने महिला पशु चिकित्सक के साथ दुष्कर्म और कत्ल के आरोपियों को सजा दिलाने के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट स्थापित और त्वरित जांच के आदेश दिए थे। मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से जानकारी दी गई कि सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि आरोपियों से शीघ्रता से पूछताछ की जाए और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए। सीएम ने मामले से निपटने के लिए एक फास्ट ट्रैक कोर्ट स्थापित करने का भी फैसला किया है।

मदद के बहाने किया दुष्कर्म

महिला डॉक्टर के साथ उस वक्त रेप किया गया था जब वह अपनी स्कूटी से घर लौट रही थीं। तभी आरोपियों ने उन्हें स्कूटी के पास न देखकर उसका पहिया पंक्चर कर दिया और फिर मदद करने के बहाने उन्हें सुनसान जगह ले जाकर उसका रेप किया। उनके चीख-चिल्लाने की आवाज कोई सुन न ले इसके लिए उन्होंने उनका मुंह बंद कर दिया। इस दौरान सांस न ले पाने के कारण उनकी मौत हो गई। इसके बाद चारों आरोपियों ने पेट्रोल छिड़कर उनके शव को आग लगा दी और हाइवे के पास फेंक दिया।

पुलिस की भूमिका पर भी उठे सवाल

इस घटना से स्थानीय पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठे हैं। राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने घटना के बाद पीड़ित परिवार से मुलाकात की। रेखा ने बताया कि परिवार के मुताबिक पुलिस की भूमिका निगेटिव रही। पुलिस ने उनकी एक भी नहीं सुनी। पुलिस का कहना था कि पीड़िता को वहां से भाग निकलना चाहिए था। पुलिस घटनास्थल के सीमा विवाद में उलझी रही थी, जिसकी वजह से यह हादसा हुआ। वे एक जिंदगी बचा सकते थे।'

आरोपियों को फांसी की मांग को लेकर अनशन पर स्वाति मालीवाल

डॉक्टर के साथ हुई जघन्य वारदात से पूरे देश में गुस्से का माहौल है और जगह-जगह प्रदर्शन का दौर जारी है। इसी बीच, दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने सोमवार को विरोधस्वरूप अनशन शुरू किया। उनकी केंद्र से मांग है कि दोषी साबित किए जाने के बाद छह महीने के भीतर फांसी का प्रावधान किया जाए। पीड़ित परिवार ने मामले में जल्द जल्द से सुनवाई पूरी कर दोषियों को फांसी दी जाने की मांग की है। वहीं, चार में से एक आरोपी की मां का कहना है कि अगर उनका बेटा दोषी साबित होता है तो उसे भी उसी तरह जला देना चाहिए जैसे महिला डॉक्टर को जला दिया गया।

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