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इस बार राज्य सभा में पश्चिम बंगाल से लेफ्ट का कोई भी उम्मीदवार नहीं

पश्चिम बंगाल से मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के राज्यसभा उम्मीदवार विकास रंजन भट्टाचार्य का नामांकन सोमवार को खारिज हो गया।
इस बार राज्य सभा में पश्चिम बंगाल से लेफ्ट का कोई भी उम्मीदवार नहीं

पश्चिम बंगाल से मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के राज्यसभा उम्मीदवार विकास रंजन भट्टाचार्य का नामांकन सोमवार को खारिज हो गया है, जिससे तृणमूल कांग्रेस के पांच उम्मीदवारों और एक कांग्रेस उम्मीदवार के निर्विरोध निर्वाचित होने का रास्ता साफ हो गया है। इस वजह से इस बार पश्चिम बंगाल का कोई लेफ्ट उम्मीदवार राज्य सभा में नहीं जा सकेगा।

निर्वाचन अधिकारियों ने भट्टाचार्य का नामांकन इस आधार पर अमान्य घोषित कर दिया कि एक अतिरिक्त हलफनामा अंतिम तिथि 28 जुलाई को अपराह्न् तीन बजे के बाद दाखिल किया गया था। छह सीटों के लिए आठ अगस्त को होने वाले चुनाव के लिए 28 जुलाई नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख थी। 8 अगस्त को राज्य सभा की 6 सीटों के लिए चुनाव होना है।

पीटीआई के मुताबिक, तृणमूल कांग्रेस ने डेरेक ओब्रायन, सुखेंदु शेखर रॉय, डोला सेन, मानस भूनिया और सांता छेत्री को नामित किया है। प्रदीप भट्टाचार्य कांग्रेस के एक मात्र उम्मीदवार हैं। ममता बनर्जी की पार्टी ने कांग्रेस के उम्मीदवार को अपना समर्थन भी दिया है।

वहीं, नामांकन रद्द होने की वजह से सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और माकपा में बहस भी छिड़ गई है। माकपा नेता सुजान चक्रवर्ती ने तृणमूल कांग्रेस पर आरोप लगाया कि नामांकन खारिज होने के पीछे षडयंत्र है। उन्होंने कहा, 'हम इसके लिए कानूनी सलाह लेंगे।' उन्होंने यह भी कहा, “यह निर्णय पहले ही ले लिया गया था कि इसे रद्द किया जाएगा। तृणमूल विकास भट्टाचार्य की उम्मीदवारी से परेशान था। फैसला लेने में 48 घंटे लग गए, जिससे यह साबित होता है कि हमारे तर्को में सच्चाई है।”

बता दें कि माकपा की केंद्रीय समिति ने पार्टी महासचिव सीताराम येचुरी को तीसरी बार राज्य सभा ना भेजने का फैसला लिया था। 

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