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झारखंडः वैध तरीके से होगा ढिबरा डंप का काम, अभ्रक को मिलेगी पहचान

रांची। लंबे समय में से प्रदेश में चल रहे अभ्रक-ढिबरा के अवैध कारोबार पर रोक लगेगी, इसकी खोई पहचान वापस...
झारखंडः वैध तरीके से होगा ढिबरा डंप का काम, अभ्रक को मिलेगी पहचान

रांची। लंबे समय में से प्रदेश में चल रहे अभ्रक-ढिबरा के अवैध कारोबार पर रोक लगेगी, इसकी खोई पहचान वापस मिलेगी। झारखण्ड सरकार इस दिशा में काम कर रही है। चार दशक पहले कोडरमा में अभ्रक के 400 खनन पट्टे थे, आज एक भी नहीं है।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि देश में सबसे उम्दा अभ्रक का उत्पादन झारखण्ड में होता है। मगर वर्षों से इसपर ध्यान नहीं दिया गया। हमारी सरकार बहुत जल्द इस संदर्भ में कानून लाने जा रही है। मुख्यमंत्री ने इस कड़ी को सशक्त करने और पहले चरण में अभ्रक की खोयी पहचान को पुनर्जीवित करने के उद्देश्य से कोडरमा में ढिबरा डंप में कार्य को पुनः प्रारंभ करने हेतु वाहन को हरी झंडी दिखाई। इससे एक ओर जहां वर्षों से गैर-कानूनी तरीके से चले आ रहे अभ्रक उद्योग पर विराम लगेगा। वहीं लाखों श्रमिकों का शोषण बंद होगा तथा व्यवस्थित रोजगार का सृजन होगा।

मालूम हो कि कोडरमा में वर्ष 1980 के पूर्व में अभ्रक खनिज के लगभग 400 खनन पट्टे धारित थे। वर्ष 1980 में वन (संरक्षण) अधिनियम लागू होने एवं वन्य प्राणी आश्रयणी के प्रभाव से कोडरमा में  अभ्रक खनिज के लगभग सभी खनन पट्टे बन्द होते चले गये। वर्तमान में कोडरमा जिला में अभ्रक खनिज का एक भी खनन पट्टा संचालित नहीं है। वर्तमान में सरकार द्वारा अभ्रक खनिज को पुर्नजिवित करने केलिए बहुत से प्रयास किए जा रहे हैं।

इस क्रम में झारखण्ड सरकार ने पिछले साल मार्च में गजट आदेश जारी कर प्रावधान किया कि  "झारखण्ड राज्य अन्तर्गत ढिबरा डम्प में पाये जाने वाले अभ्रक खनिज, जिनका व्यवसायिक मूल्य हो के भंडार/डम्प का निष्पादन झारखण्ड राज्य खनिज विकास निगम के माध्यम से किया जाएगा। उक्त के आलोक में भूतत्व निदेशालय द्वारा कोडरमा जिला के चरकी में भंडारित ढिबरा डंप (अवशेष ) से अभ्रक निकालने केलिए चिन्हित किया गया है।

मुख्यमंत्री द्वारा हरी झंडी दिखाए गए वाहन से ढीबरा डम्प से संबंधित सहकारी समितियों के सदस्यों द्वारा ढिबरा चुनकर कर जिला खनन कार्यालय, कोडरमा एवं जिला प्रशासन, कोडरमा द्वारा चिन्हित वाहन में ही लोड किया जाएगा। आज उक्त वाहन को अपने गंतव्य स्थान यानी जेएसएमडीसी के खनिज भंडारण  स्थल  थाम, चन्दवारा भेजने के लिए  मुख्यमंत्री द्वारा रवाना किया गया।

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