सिर्फ एक सक्षम अधिकारी की सोच नौनिहालों की तकदीर बदल सकती है। झारखंड के खूंटी जिला के डीसी शशिरंजन की पहल का नतीजा है कि कस्तूरबा आवासीय विद्यालय की 10 छात्राओं ने जेईई मेन में कामयाबी हासिल की। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इसपर प्रसन्नता जाहिर करते हुए इसे उपायुक्त की बेहतर सोच और पहल का नतीजा बताया है।
खूंटी के डीसी ने सपनों की उड़ान की शुरुआत की। जिससे जुड़कर कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय खूंटी की बेटियां इंजीनियरिंग की तैयारी कर रही थीं। जिनमे दस ने जेईई मेन निकाल लिया। सत्र 2021-23 में दूसरे चरण में इंजीनियरिंग के लिए 18 एवं मेडिकल के लिए 39 यानी कुल 57 छात्राएं नामांकित हैं। जिसमें इंजीनियरिंग की 10 छात्राओं ने जेईई मेन में सफलता हासिल की। सफल घोषित छात्राओं में एलिसा हास्सा, सोहनी बाखला, एजेंल सियोन तोपनो, मेरी कंडुलना, सरस्वती कुमारी, सुचिता सुरीन, पुष्पा कंडुलना, संतोषी कुमारी, श्रुति कुमारी और निशा कुमारी शामिल हैं।
इस योजना के तहत 11वीं एवं 12वीं की छात्राओं को भौतिक, रसायन, जीव विज्ञान एवं गणित विषयों में सुदृढ़ करते हुए आईटीआई एवं मेडिकल परीक्षा में उत्तीर्ण कराने के उद्देश्य से ऑनलाइन-ऑफलाइन शिक्षा प्रदान की जा रही है। इन आई.आई.टी व मेडिकल केलिए तैयार किया जा रहा है। जेईई निकालने वाली कुछ छात्राएं ऐसी भी हैं जिनके परिवार में पहली बार कोई इंजीनियर बनेगा।
आकांक्षी जिला अंतर्गत "सपनों की उड़ान " कार्यक्रम की शुरुआत हुई थी। डीसी शशिरंजन द्वारा निरंतर स्वयं बालिकाओं से मिलकर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया गया जिसका परिणाम सामने है।
छात्राओं को मुफ्त कोचिंग की व्यवस्था की गई है। इसके तहत् प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थान करियर प्वायंट, कोटा, राजस्थान की रांची शाखा के माध्यम से छात्राओं को कोचिंग कराया जा रहा है। जिसका लाभ सुदूर इलाकों में रहने वाली और गरीब परिवार की छात्राओं को लाभ मिला है। इससे दूसरों को भी प्रेरणा मिलेगी।