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धर्मशाला बलात्कार मामले को लेकर एसआईटी का गठन

धर्मशाला बलात्कार मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इसे लेकर राजनीति भी तेज हो गई है। माना जा रहा है कि इस बलात्कार में राज्य के रसूखदार लोग शामिल हैं, इसलिए सरकार ने इसपर चुप्पी साध रखी है। बीते शुक्रवार को धर्मशाला के डिग्री कॉलेज की प्रथम समेस्टर की छात्रा से हुए बलात्कार की खबर ने पूरे हिमाचल में हड़कंप मचा दिया है।
धर्मशाला बलात्कार मामले को लेकर एसआईटी का गठन

 इसमें हिमाचल सरकार के एक कैबिनेट मंत्री के भांजे के शामिल होने बात सामने आ रही है। बलात्कार के बाद पीड़िता की बहन द्वारा शिकायत किए जाने के बावजूद पुलिस प्रशासन ने कुछ नहीं किया। सोशल मीडिया पर मामला वायरल होने के बाद पुलिस को मामले की जांच शुरू करनी पड़ी। बुधवार शाम पुलिस ने मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन कर दिया है।

 

लड़की डिग्री कॉलेज में प्रथम समेस्टर की छात्रा थी। धर्मशाला से उदयवीर पठानिया का कहना है कि बलात्कार उसी ऐतिहासिक इमारत में हुआ है जहां विधानसभा का पहला शीतकालीन सत्र हुआ था। इसे प्रयाग भवन कहते हैं। आजकल यह डिग्री कॉलेज के परिसर का ही हिस्सा है। पठानिया ने बताया कि पीड़िता की बड़ी बहन कॉलेज प्रिंसीपल के पास गई थी। प्रिंसीपल ने उसकी एक न सुनी। धीरे-धीरे मामला सोशल मीडिया पर आया। फिर इतना तूल पकड़ गया कि पुलिस को मामले की छानबीन के लिए एसआईटी का गठन करना पड़ा। यहां तक की प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र ने सिंह अपने फेसबुक पेज पर लोगों से गुजारिश की कि वे शांत रहें और जांच में पुलिस को सहयोग करें।

 

जिले के एसपी कपिल शर्मा का कहना है कि एफआईआर दर्ज कर ली गई है और एसआईटी ने भी अपना काम शुरू कर दिया है। एसआईटी का गठन एडीजीपी संजय कुंडू की अध्यक्षता में किया गया है।

 

धर्मशाला का यह बलात्कार मामला निर्भया मामले से कम नहीं है। लड़की के साथ इस कद्र हैवानियत की गई कि उसका यूट्रस तक बाहर निकल आया है। हालांकि कॉलेज और पुलिस प्रशासन मामला हाईप्रोफाइल होने को लेकर ऐसा होने से इनकार कर रहे है।

 

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