Advertisement

तमिलनाडु सरकार के नोटिस को कानूनी चुनौती देगी ग्रीनपीस

तमिलनाडु सरकार से मिले नोटिस को ग्रीनपीस इंडिया ने कानूनी तौर पर चुनौती देने की तैयारी कर ली है।
तमिलनाडु सरकार के नोटिस को कानूनी चुनौती देगी ग्रीनपीस

दिल्ली। ग्रीनपीस इंडिया ने कहा है कि वह तमिलनाडु सरकार से मिले नोटिस के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाएगी। तमिलनाडु सरकार ने 18 जून को ग्रीनपीस इंडिया को एक कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए संस्‍था का पंजीकरण रद्द करने की चेतावनी दी थी। ग्रीनपीस इंडिया का कहना है कि ऐसा लगता है कि यह नोटिस तमिलनाडु सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के इशारे पर भेजा है। गृह मंत्रालय पिछले साल भर से उनकी आवाज दबाने की नाकाम कोशिश कर रहा है। संस्‍था का दावा है वह किसी भी तरह का गैर कानूनी काम नहीं कर रही है। उन्‍हें निशाना बनाने के लिए आधारहीन आरोप लगाए गए हैं। 

तमिलनाडु सरकार के इस नोटिस में संस्‍था के कामकाज और तौर-तरीकों पर कई सवाल उठाए गए थे। ग्रीनपीस इंडिया की अंतरिम सह-कार्यकारी निदेशक विनुता गोपाल ने कहा है, हम 14 साल से भारत में काम कर रहे हैं। तमिलनाडु सरकार के नोटिस में लगाए गए आरोप आधारहीन हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि यह नोटिस गृह मंत्रालय के इशारे में भेजा गया है जो साल भर से उनकी आवाज दबाने की कोशिश कर रहा है। गौरतलब है कि ग्रीनपीस इंडिया और गृह मंत्रालय के बीच काफी समय से टकराव चल रहा है। सरकार की ओर से संस्‍था की विदेशी फंडिंग रोकने और खातों पर रोक लगाने की कोशिश भी की गई थी। ग्रीनपीस इंडिया ने आरोप लगाया है कि गृह मंत्रालय अब उन्‍हें बंद कराने के दूसरे तरीके निकाल रहा है। 

 

'हमें नहीं दी जा रही जानकारी'

विनुता गोपाल ने कहा कि तमिलनाडु सरकार के नोटिस का जवाब देने और पंजीकरण रद्द होने से बचाने के लिए सिर्फ सात दिन का समय दिया गया। संस्‍था कई बार तमिलनाडु सरकार (रजिस्ट्रार ऑफ सोसायटी) से अपील कर चुकी है कि आरोपों के बारे में पूरी जानकारी उपलब्ध कराएं ताकि उनका जवाब दिया जा सके। लेकिन रजिस्‍ट्रार की तरफ से कोई जवाब नहीं आया।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad