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एक्सक्लूसिवः उत्तरी दिल्ली नगर निगम को सूचना आयोग ने लगाई लताड़

उत्तरी नगर निगम में भ्रष्टाचार का खुला खेल खेला जा रहा है। इसको लेकर केंद्रीय सूचना आयोग ने निगम को लताड़ लगाई है। ‌आयोग ने निगम को कहा ‌है कि वैकल्पिक भूखंड लेने के बावजूद कारोबारियों ने रिहायशी इलाकों में कारोबार जारी रखा है और निगम कार्रवाई करने की बजाय उदासीन रवैया अपनाए हुए है।
एक्सक्लूसिवः उत्तरी दिल्ली नगर निगम को सूचना आयोग ने लगाई लताड़

सूचना आयुक्त यशोवर्धन आजाद ने आठ सितंबर 2016 को सुनवाई करते हुए कहा कि वैसे व्यवसायी जिन्हे आवेदन के बावजूद प्लाट आवंटित नहीं किया जा सका। उनकी समस्या तो समझ में आती है लेकिन वैसे व्यवसायी जिन्हें संजय गांधी ट्रांसपोर्ट नगर में प्लॉट आवंटन के बावजूद रिहायशी इलाके में कारोबार कर रहे हैं उनके खिलाफ निगम ने कार्रवाई क्यों नहीं की।

आयोग ने कहा कि इस वैकल्पिक भूखंड को प्राप्त करने के बावजूद अपने कारोबार को पूर्ववत रिहायशी इलाकों में चलाने वाले ऐसे व्यवसायियों की पहचान करना तथा उन पर नियमानुकूल कार्रवई करना अत्यंत आवश्यक है। क्योंकि यह मामला जनहित से जुड़ा है और विशेषकर उस परिस्थिति में जबकि दिल्ली को विश्व स्तर की राजधानी बनाने की कवायद की जा रही है। गौरतलब हे कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने भी दो स्‍थानों से कारोबार चलाने वाले ऐसे व्यवसायियों के विरूद्व अपना निर्णय दिया था। आयोग ने सिविल लाईन जोन तथा सिटी जोन के उपायुक्त को तीन माह के भीतर सही तथ्य उपलब्‍ध कराने के ‌आदेश भी दिए हैं। गौरतलब है कि सूचना के अधिकार के तहत उत्तरी दिल्ली नगर निगम द्वारा शहर के अंदर संचालित कागज रसायन और परिवहन गोदामों के संजय गांधी परिवहन नगर में किये गए भू-खंड आवंटत तथा उसकी वस्तुस्थिति के बारे में जानकारी मांगी गई थी। लेकिन आवेदनकर्ता को किसी प्रकार की जानकारी उपलब्‍ध नहीं कराई गई। इसके बाद केंद्रीय सूचना आयोग ने मामले की सुनवाई करते हुए संबधित अथॉरिटी को तलब किया और इस मामले पर दोनों पक्ष सुनने के बाद निर्णय लिया। 

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