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झारखंडः मेयर, डिप्टी मेयर के सभी पद पर भाजपा का कब्जा

झारखंड में स्थानीय चुनावों में भाजपा को बड़ी कामयाबी मिली है। 35 में से 21 पर भाजपा का कब्जा हुआ है जबकि दो...
झारखंडः मेयर, डिप्टी मेयर के सभी पद पर भाजपा का कब्जा

झारखंड में स्थानीय चुनावों में भाजपा को बड़ी कामयाबी मिली है। 35 में से 21 पर भाजपा का कब्जा हुआ है जबकि दो पर  दो पर उसके सहयोगी आजसू ने जीत हासिल की है। कांग्रेस को पांच, झामुमो को तीन, झाविमो और राजद को एक-एक सीट पर सफलता मिली है। दो सीटों पर निर्दलीय प्रत्याशी जीते हैं। 16 अप्रैल को निकाय चुनावों के लिए वोट डाले गए थे। 

राज्य के पांचों नगर निगम के मेयर और डिप्टी मेयर पद पर भाजपा की जीत हुई है। रांची नगर निगम में मेयर पद आशा लकड़ा को जीत मिली है। डिप्टी मेयर पद पर भी भाजपा के संजीव विजयवर्गीय जीते हैं। आदित्यपुर, हजारीबाग, गिरिडीह और मेदिनीनगर में भी मेयर और डिप्टी मेयर पद पर भाजपा को जीत मिली है।

भाजपा ने निकाय चुनावों में मिली भारी जीत का पर जोरदार जश्न मनाया है। मुख्यमंत्री रघुवर दास भी इस जश्न में शामिल होने के लिए प्रदेश कार्यालय पहुंचे खूंटी और पाकुड़ निकायों में भी भाजपा को बड़ी जीत मिली है।लेकिन, प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा के संसदीय क्षेत्र सिंहभूम में भाजपा को करारा झटका लगा है। यहां झामुमो को जीत मिली है। संताल परगना में भी भाजपा को मायूसी हाथ लगी है। दुमका में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद पर निर्दलीय प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की है।

शुक्रवार को आए नतीजों के अनुसार पांच नगर निगमों के मेयर और उपमेयर पद पर भाजपा का कब्जा हुआ है।नगर निगम, नगर परिषद और नगर पंचायत के लिए 35 जगह चुनाव हुए थे। भाजपा के नगर परिषद और नगर पंचायत में 16 अध्यक्ष चुने गए। कांग्रेस के पांच, झामुमो के तीन, आजसू के दो, राजद और जेवीएएम के एक-एक और दो स्थानों पर निर्दलीय अध्यक्ष चुने गए। नगर परिषद और नगर पंचायत के उपाध्यक्ष पदों के लिए भाजपा के 10 प्रत्याशी जीते। कांग्रेस-झामुमो के के चार-चार, जेवीएम के तीन, आजसू के दो, राजद के दो और तीन निर्दलीय जीत हासिल करने में सफल रहे। झुमरी तिलैया औ कपाली में उपाध्यक्ष पद के चुनाव कुछ कारणों से नहीं कराए गए हैं।  

अगले साल राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले यह चुनाव सेमीफाइनल मुकाबला माना जा रहा था। पहली बार दलगत आधार पर निकाय चुनाव होने के कारण इन नतीजों का राज्य की राजनीति पर व्यापक प्रभाव पड़ने की उम्मीद है। इन चुनावों में शुरुआत में भाजपा की स्थिति बहुत अच्छी नहीं मानी जा रही थी। केंद्र और राज्य के अलावा ज्यादातर निकायों पर भाजपा का कब्जा रहने के कारण उसे तीन तरह की एंटी इंक्बैंसी झेलनी पड़ रही थी। लेकिन, जानकारों के मुताबिक कांग्रेस, झामुमो और झाविमो के अलग-अलग चुनाव लड़ने का फायदा भाजपा को मिलता ‌दिख रहा है। 

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