भोपाल में प्यारे मियां यौन शोषण मामले में नाबालिग की मौत को गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार ने इसकी एसआईटी से जांच कराने का फैसला किया है। दूसरी ओर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस तरह की घटनाओं को शर्मशार करने वाली बताया है। कांग्रेस ने इसकी सीबीआई जांच की मांग की है।
नाबालिग बच्ची की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो जाने के बाद भोपाल पुलिस ने उसका अंतिम संस्कार करवा दिया। पुलिस पर आरोप है कि शव को उसके परिवार को नहीं सौंपा। पुलिस ने इस बात का खंडन किया है कि और स्पष्ट किया है कि अंतिम संस्कार परिवार की मर्जी के अनुसार ही किया गया है। वहां पर परिवार के लोग उपस्थित भी थे। इस मामले पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा राज्य सरकार पर हमला करने के बाद सरकार की सक्रियता बढ़ गई। मुख्यमंत्री ने इस पूरे मामले में उच्च स्तरीय बैठक बुलाई और सारे मामले की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने कहा कि भोपाल में बेटी को हम बचा नहीं पाए। यह साधारण घटना नहीं, यह दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि इस घटना में जो भी दोषी होगा,कार्रवाई की जाएगी। बैठक में डीजीपी विवेक जौहरी, अपर मुख्य सचिव गृह राजेश राजौरा, सीएम के ओएसडी मकरंद देउसकर, आईजी भोपाल उपेंद्र जैन तथा भोपाल कलेक्टर अविनाश लवानिया मौजूद थे।
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि प्रदेश की राजधानी में यौन शोषण की शिकार मासूम बच्चियां बालिका गृह में भी सुरक्षित नहीं है। पीड़िता और उसके परिवार के साथ अपराधियों जैसा व्यवहार किया गया। कहां है जिम्मेदार ? प्रदेश को कितना शर्मसार करेंगे ?