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भतीजे के बयान से विवादों में ममता बनर्जी

तृणमूल कांग्रेस के सांसद और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी के एक दावे ने विवाद पैदा कर दिया है। अभिषेक बनर्जी ने दावा कि माओवादी नेता किशनजी को ममता बनर्जी सरकार ने मारा था। अभिषेक के इस बयान के बाद पार्टियों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की।
भतीजे के बयान से विवादों में ममता बनर्जी

 

अभिषेक का बयान सुरक्षा बलों और राज्य सरकार के इस दावे के उलट है कि किशनजी 24 नवंबर 2011 को पश्चिम मिदनापुर के जंगलों में सुरक्षा बलों के साथ हुई एक मुठभेड़ में मारा गया था। पश्चिम मिदनापुर जिले के बेलपहाड़ी में एक रैली को संबोधित करते हुए अभिषेक ने कहा, इससे पहले आप जब भी अखबार खोलते तो आपको सिर्फ जंगलमहल में लोगों के मारे जाने की खबरें मिलती। लेकिन पिछले चार सालों में सिर्फ एक व्यक्ति मारा गया। वह और कोई नहीं बल्कि माओवादी नेता किशनजी था। ममता बनर्जी सरकार ने उसे मारकर साबित किया कि आने वाले दिनों में लोगों की ही चलेगी।

 

अभिषेक ने कहा कि सरकार सिर्फ लोगों की भलाई के लिए ही हथियार उठाएगी, आतंक फैलाने के लिए नहीं। पहले जंगलमहल में हिंसा होती थी, लेकिन अब शांति कायम हो गई है। अभिषेक के बयान पर विपक्षी पार्टियों ने आक्रोश जाहिर किया और इस विवादित टिप्पणी को लेकर मुख्यमंत्री से स्पष्टीकरण मांगा। 

 

भाजपा के राष्ट्रीय सचिव सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि कानून का पालन न करना तो तृणमूल कांग्रेस शासन की निशानी है। ममता बनर्जी की सरकार में सब कुछ ठीक होने को सही ठहराते हुए उसके सांसद भतीजे ने अजीबोगरीब बयान दिया है कि माओवादी नेता को ममताजी के निर्देश पर मारा गया। इससे यह स्वीकार कर लिया गया कि यह राज्य प्रायोजित हत्या थी। सिंह ने हैरत जताते हुए कहा कि क्या ममता अपने भतीजे के बयान से सहमति जताएंगी।  

 

माकपा पोलित ब्यूरो सदस्य मोहम्मद सलीम ने भी ममता से स्पष्टीकरण की मांग करते हुए कहा, अभिषेक बनर्जी ने सच्चाई उजागर कर दी है। ममता जब विपक्ष में थी तो उसने माओवादी नेता आजाद को मारे जाने के मामले में जांच की मांग की थी। लेकिन जब वह सत्ता में आ गईं तो उन्होंने खुद ही किशनजी को मारने के लिए सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल किया। सरकार किसी को नहीं मार सकती। किसी को सजा देने के लिए तय कानूनी प्रक्रिया है।

 

मानवाधिकार कार्यकर्ता रंजीत सुर ने कहा कि किशनजी की मौत के मामले में मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का यह कहना आज अभिषेक बनर्जी के बयान से साबित हो गया कि योजनाबद्ध तरीके से उसकी हत्या की गई। अभिषेक अपने विवादित बयानों के लिए सुर्खियों में रहे हैं। युवा सांसद ने पिछले महीने तृणमूल कांग्रेस प्रशासन को चुनौती देने की हिमाकत करने वालों को धमकी देते हुए कहा था कि उनकी आंखें निकाल ली जाएंगी और हाथ काट दिए जाएंगे। इस मामले में भाजपा ने अभिषेक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी।

 

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