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कन्हैया ने ही जेएनयू में आयोजित किया था कार्यक्रम: दिल्ली पुलिस

दिल्ली पुलिस ने दिल्ली हाईकोर्ट मे दावा किया कि देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किए गए जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने ही परिसर में उस कार्यक्रम का आयोजन किया था जिसमें कथित तौर पर देश विरोधी नारेबाजी की गई थी।
कन्हैया ने ही जेएनयू में आयोजित किया था कार्यक्रम: दिल्ली पुलिस

दिल्ली हाईकोर्ट की न्यायमूर्ति प्रतिभा रानी के समक्ष बुधवार को पेश की गई 13 पृष्ठ की अपनी स्थिति रिपोर्ट में दिल्ली पुलिस ने दावा किया कि 9 फरवरी को जेएनयू में आयोजित कार्यक्रम में कन्हैया और अन्य आरोपियों के अलावा कुछ विदेशी तत्वों की भी मौजूदगी थी और उन्होंने अपनी पहचान छिपाने के लिए अपने चेहरे ढक रखे थे। पुलिस ने अपनी स्थिति रिपोर्ट में कहा, जांच के दौरान मौके पर मौजूद विभिन्न प्रत्यक्षदर्शियों के बयान दर्ज किए गए जिसमें यह बात निकलकर आई कि आरोपी कन्हैया जिसने यहां जमानत के लिए याचिका दायर किया है, उसने न सिर्फ उस कथित कार्यक्रम में हिस्सा लिया था बल्कि अन्य आरोपी व्यक्तियों की सहमति से वास्तविक तौर पर उसने ही कार्यक्रम का आयोजन किया था।

 

रिपोर्ट में कहा गया है, यहां यह उल्लेख करना प्रासंगिक है कि 9 फरवरी की घटना के दौरान आश्चर्यजनक रूप से कुछ बाहरी तत्वों की मौजूदगी दर्ज की गई जिन्होंने कपड़े से अपना मुंह ढक रखा था, यह बात पर्याप्त तौर पर जांच के दौरान निकलकर आई। रिपोर्ट में कहा गया कि जांच एजेंसी याचिकाकर्ता कन्हैया, उसके सह-आरोपी और अपने चेहरे को ढक कर अपनी पहचान छिपाने वाले कथित बाहरी तत्वों के बीच संबंधों की अभी जांच कर रही है। चूंकि इस मामले की जांच चल रही है और ऐसे में अगर याचिकाकर्ता को जमानत दी गई तो जांच की दिशा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। अदालत के आदेश के अनुपालन में प्रस्तुत की गई स्थिति रिपोर्ट में कहा गया है कि घटना का असंपादित फुटेज वह फुटेज नहीं है जिसके साथ छेड़छाड़ को लेकर विभिन्न तबकों में बहस चल रही है। पुलिस के अनुसार उसे असंपादित वीडियो फुटेज एक निजी चैनल से प्राप्त हुआ है। यह पूरी तरह अलग है और उसी समय का रिकार्ड किया गया असंपादित वीडियो फुटेज है। पुलिस ने यह भी कहा कि वीडियो ही एकमात्र सबूत नहीं है जिसके आधार पर जांच चल रही है।

 

कन्हैया की जमानत याचिका पर सुनवाई के समय यह स्थिति रिपोर्ट पेश की गई जिसे अब 29 फरवरी तक के लिए टाल दिया गया है। पुलिस ने आरोप लगाया कि कन्हैया ने पूछताछ के दौरान सहयोग नहीं किया और जमानत पर रिहा होने के बाद वह उसी तरह का अपराध कर सकता है। इसमें कहा गया है कि इन गतिविधियों के लिए वित्त पोषण के स्रोत को लेकर जांच चल रही है जिसके परिणामस्वरूप यह कथित घटना हुई तथा पुलिस विश्वविद्यालय की तरफ से उपलब्ध कराए गए सीसीटीवी फुटेज की जांच भी कर रही है। साथ ही रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि  कन्हैया और सह-आरोपियों के देशद्रोही कृत्य के बाद कथित राष्ट्र-विरोधी नजरिया देश के अन्य हिस्से में फैल रहा है और अफजल गुरू, मकबूल भट्ट आदि की शहादत के सम्मान में जुलूस निकाले जाने की घटनाएं सामने आई हैं।

 

दिल्ली पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया कि अगर याचिकाकर्ता को जमानत पर रिहा किया जाता है तो इससे भारत विरोधी आंदोलनों को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही पुलिस ने कहा है कि उसने उन छात्रों की पहचान कर ली है जो जुलूस का नेतृत्व कर रहे थे और जिन्हें राष्ट्र विरोधी और संविधान विरोधी नारेबाजी करते हुए पाया गया था। पुलिस ने कहा कि वे लोग वैसे लोगों और संगठनों को लेकर जांच कर रहे हैं जो परिसर में इस तरह की गैर-शैक्षणिक गतिविधि के पीछे थे।

 

 

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