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जेएनयू विवाद: गृह मंत्री से मिले वाम नेता, बोले कन्हैया को रिहा करें

जेएनयू में कथित देश विरोधी नारेबाजी का मामला गंभीर होता जा रहा है। जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार की गिरफ्तारी को लेकर वाम दलों के नेताओं ने शनिवार को गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की। इस मुलाकात में वाम नेताओं ने गृह मंत्री से कन्हैया कुमार की रिहाई के साथ ही मामले की गंभीरता से जांच की मांग की। मिली जानकारी के अनुसार शनिवार दोपहर बाद वाम नेताओं ने इस मामले पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से भी मुलाकात की है।
जेएनयू विवाद: गृह मंत्री से मिले वाम नेता, बोले कन्हैया को रिहा करें

अफजल गुरु के फांसी के विरोध में जेएनयू में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कथित तौर पर देशविरोधी नारेबाजी के लिए देशद्रोह के आरोप में पुलिस ने जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार की गिरफ्तारी के विरोध में वाम दल और जनता दल यूनाइटेड के नेताओं ने शनिवार को गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की। वाम नेताओं ने गृह मंत्री से मांग की कि जल्द से जल्द कन्हैया को रिहा किया जाए। दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को कन्हैया को गिरफ्तार किया था। मामले में कन्हैया समेत कुल 20 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है जिनमें से 6 अन्य को गिरफ्तार कर बाकियों की भी पुलिस तलाश कर रही है। मुलाकात के बाद सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा, जिस प्रकार से छात्रों को राष्ट्र विरोधी की संज्ञा दी जा रही है, यह एक बहुत गंभीर मुद्दा है, हमने राजनाथ सिंह के सामने इस मुद्दे को उठाया है। इस बीच, शनिवार दोपहर वाम नेता दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से भी मिलने पहुंचे।

 

सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी ने बताया कि हमने गृहमंत्री से मुलाकात की और उन्हें जेएनयू के तनाव पूर्ण माहौल के बारे में बताया। दिल्ली पुलिस ने कार्यक्रम से जुड़े 20 लोगों की सूची जारी किया है जिसमें सीपीआई नेता डी राजा की बेटी का नाम भी शामिल है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या वीडियो में वे लोग नारे लगाते दिख रहे हैं? येचुरी ने कहा कि वह लोग वहां इसलिए मौजूद थे क्योंकि वह छात्र संगठनों या समूहों से जुड़े हुए थे लेकिन इसका अर्थ यह नहीं हुआ कि वह लोग इसमें शामिल थे। हमने कन्हैया को रिहा किए जाने की मांग की है और गृह मंत्री ने हमें आश्वासन दिया है कि किसी भी निर्दोष छात्र के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।

     

सीपीआई के राष्ट्रीय महासचिव डी राजा और जदयू प्रवक्ता के सी त्यागी के साथ येचुरी ने आरोप लगाया कि जेएनयू के नए कुलपति सरकार के निर्देशों पर काम कर रहे हैं और उन्होंने पुलिस को परिसर में इस तरह की कार्रवाई की इजाजत दी। यह सारे विश्वविद्यालयों के साथ हो रहा है। कुलपतियों को हटाया जा रहा है और सरकार वैसे लोगों को नियुक्त कर रही है जो उसके निर्देशों पर काम कर रहा। येचुरी ने शुक्रवार को पुलिस द्वारा वाम छात्र संगठनों को निशाना बनाकर छात्रावासों में छापा मारे जाने के बाद केंद्र पर हमला बोलते हुए आरोप लगाया था कि सरकार भारत को आपातकाल की स्थिति में ले जा रही है।  

 

वाम दलों के छात्र संगठनों ने साबरमती हॉस्टल के सामने 9 फरवरी को शाम 5 बजे संसद हमले के दोषी अफजल गुरु और जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के सह-संस्थापक मकबूल भट की याद में एक कार्यक्रम का आयोजन किया था। विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस कार्यक्रम को पहले इजाजत दे दिया था। लेकिन एबीवीपी ने इसके खिलाफ यूनिवर्सिटी के वीसी एम. जगदीश कुमार के पास शिकायत की। जिसके बाद जेएनयू प्रशासन ने अनुमति वापस ले ली।  अनुमति रद्द करने के बावजूद कार्यक्रम आयोजित किए जाने पर एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने इसका विरोध किया। बता दें कि अफजल को 9 फरवरी, 2013 और मकबूल भट को 11 फरवरी, 1984 को फांसी दी गई थी।

 

 

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