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'आरक्षण नहीं तो कमल उखाड़ देंगे, नीतीश भी हमारे'

अहमदाबाद में विशाल रैली बुलाकर हार्दिक पटेल में अपना लोहा मनवा लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राज्‍य की भाजपा सरकार को चुनौती देते हुए उन्‍होंने कहा है कि मांग नहीं मानी तो दोबारा कमल नहीं खिलेगा। यह रैली भले ही आरक्षण की मांग को लेकर हुई लेकिन हार्दिक पटेल के तेवर पूरी तरह सियासी दिखे। उन्‍होंने मंच से केजरीवाल, नीतीश कुमार और सरदार पटेल का नाम लेकर अपनी राजनैतिक महत्‍वाकांक्षाओं की झलक दिखाई है।
'आरक्षण नहीं तो कमल उखाड़ देंगे, नीतीश भी हमारे'

आरक्षण आंदोलन के जरिये गुजरात में तेजी से उभरे युवा नेता हार्दिक पटेल ने दावा किया, हमने कांग्रेस को उखाड़ फेंका था अब 2017 आने वाला है और चुनाव फिर होंगे। जो हमारी बात नहीं मानेगा, उसे उखाड़ फेंकेंगे। आरक्षण की मांग दिल्‍ली तक पहुंचाने के लिए उन्‍होंने जल्‍द ही जंतर-मंतर पर पहुंचने और गुजरात में केजरीवाल के स्‍तर का कुछ करने का दावा किया है। सरकार को चुनौती देते हुए हार्दिक पटेल ने कहा, हमारी मांगे मानें, तभी होगा सबका साथ, सबका विकास। 

अहमदाबाद के विशाल रैली को संबोधित करते हुए 22 वर्षीय हार्दिक पटेल ने कहा, हम लव-कुश के वंशज हैं। चाहे 14 साल का वनवास क्यों न हो हम पीछे नहीं जा सकते। सरकार कहती है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक हमें आरक्षण नहीं मिल सकता लेकिन अगर एक आतंकवादी के लिए रात को तीन बजे सुप्रीम कोर्ट खुल सकता है तो हमारे लिए क्यों नहीं। उन्‍होंने कहा, हमें हमारा हक प्यार से चाहिए, सम्मान से चाहिए, यह भीख नहीं है। यदि आप हमारा अधिकार नहीं देंगे तो हम इसे छीन लेंगे। 

गौरतलब है कि गुजरात में पाटीदार समाज के लोग 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण में हिस्‍सेदारी को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। पिछले कई हफ्तों से चल रहे पाटीदारों के आरक्षण आंदोलन से हार्दिक पटेल की लोकप्रियता तेजी से बढ़ी है और अब वह राज्‍य और केंद्र की भाजपा सरकार को खुली चुनौती देने लगे हैं। आज की रैली में उन्‍होंने एक मंझे हुए नेता की तरह जोरदार भाषण दिया और केंद्र व राज्‍य सरकार पर जमकर निशाना साधा।  

कोई रावण लंका में नहीं बचेगा, पटेल की प्रतिमा काफी नहीं 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुली चुनौती देते हुए हार्दिक पटेल ने कहा है कि सिर्फ सरदार पटेल की मूर्ति बनाना काफी नहीं है। पटेल की बड़ी मूर्ति लगाकर लोग राजनीति कर रहे हैं। दिल में भी पटेल होना चाहिए। उन्‍होंने दावा किया, अब कोई रावण लंका में नहीं बचेगा। सरदार के संस्कार आज भी उनके अंदर है। एक पटेल ने देश को एक किया, हम तो 50 लाख हैं।  

नीतीश और चंद्रबाबू भी हमारे 

अपने जोशीले भाषण में हार्दिक पटेल ने राजनैतिक संकेतों का खूब इस्‍तेमाल किया। बिहार विधानसभा चुनाव से पहले उन्‍होंने जाति कार्ड खेलते हुए कहा कि नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू भी हमारे हैं। विकास और किसानों के मुद्दे पर भाजपा सरकार को घेरते हुए हार्दिक ने कहा कि गुजरात के 6 हजार किसानों ने खुदकुशी की है अब अगर किसी किसान ने खुदकुशी की तो इसके लिए जिम्मेदार सरकार होगी। 

जब तक आनंदीबेन नहीं आती भूख हड़ताल 

हार्दिक पटेल ने रैली के बाद कहा कि वह आयोजन स्थल पर तब तक भूख हड़ताल पर बैठेंगे जब तक कि मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल उनसे ज्ञापन लेने नहीं आतीं। संख्या और आर्थिक दृष्टिकोण से मजबूत गुजरात के पटेल समुदाय के लोग यहां रैली में बड़ी संख्या में शामिल हुए। रैली के चलते अहमदाबार शहर थम सा गया। आरक्षण की मांग को लेकर पटेल समुदाय के एक महीने से चले आ रहे आंदोलन के बाद महाक्रांति रैली का आयोजन हुआ।

 

 

 

 

 

 

 

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