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सीबीआई छापा अघोषित आपातकाल: केजरीवाल

मंगलवार को दिल्ली सचिवालय स्थित दिल्ली सरकार के कार्यालय में सीबीआई के छापे पर देश में राजनीतिक बवाल खड़ा हो गया है। सीबीआई छापे पर केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सीबीआई की कार्रवाई को एक अघोषित आपातकाल करार देते हुए कहा कि केंद्र बदले की भावना से उनके खिलाफ इस तरह की कार्रवाई कर रहा है।
सीबीआई छापा अघोषित आपातकाल: केजरीवाल

 

मंगलवार को दिन भर चली गहमागहमी और आरोप प्रत्यारोप के दौर के बाद मुख्यमंत्री केजरीवाल ने एक प्रेस कांफ्रेंस कर केंद्र सरकार को सीधे निशाने पर लेते हुए आरोप लगाया कि सीबीआई का छापा एक अघोषित आपातकाल है। केजरीवाल ने कहा, मैं इस छापे से हैरान हूं, राजेंद्र कुमार तो सिर्फ बहाना हैं, हकीकत में मैं निशाने पर हूं। पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि जिस मामले में कार्रवाई की बात कही जा रही है, उससे संबंधित फाइलें तो देखी नहीं गईं। उन्होंने कहा, यह कार्रवाई ठेकों की जांच के लिए नहीं हुई है। उन विभागों में छापे नहीं मारे गए जहां ठेकों की फाइलें हैं। केजरीवाल ने कहा, मुझे सरासर सब झूठ नजर आ रहा है। मैं डरने वाला नहीं हूं। उन्होंने कहा कि वह केन्द्र की कार्रवाई से भयभीत नहीं हैं। उन्होंने अपनी लड़ाई जारी रखने का संकल्प लेते हुए कहा, मैं आपसे डरता नहीं हूं। आप नहीं जानते कि मैं किस मिट्टी से बना हूं।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दावा किया कि इस छापोमारी की असली वजह वह फाइल है, जिसमें डीडीसीए में धांधलियों का कच्चा चिट्ठा है और जिससे वित्त मंत्री फंसते हैं। केजरीवाल ने दावा किया, यह बताना जरूरी हो गया है कि सीबीआई आज दरअसल मेरे कार्यालय में क्यों आई और कौन सी फाइल ढूंढ रही थी। वह डीडीसीए की फाइल है, जिसके अंदर अरूण जेटली फंस रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने डीडीसीए में कथित अनियमितताओं की जांच के लिए एक समिति बनाई थी, जिसने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। उन्होंने आरोप लगाया, जेटली कई साल से डीडीसीए के अध्यक्ष थे और मैंने उनके कार्यकाल में हुई अनियमितताओं की जांच के लिए एक समिति का गठन किया था। समिति ने अपनी रिपोर्ट दे दी थी। उन्होंने दावा करते हुए कहा, इसपर एक जांच आयोग गठित किया जाने वाला था, और इससे जुड़ी एक फाइल मेरे कार्यालय में थी। हालांकि वित्त मंत्री  अरुण जेटली ने इन आरोपों को खारिज करते हुए इन्हें बकवास बताया। जेटली ने कहा, आज सुबह का बयान प्रथम दृष्टया गलत लगता है, लेकिन शाम वाला तो एकदम बकवास है और मुझे नहीं लगता कि मुझे इस बकवास का जवाब देने की जरूरत भी है।

 

वहीं छापेमारी पर दिनभर चले राजनीतिक आरोप प्रत्यारोप के बीच सीबीआई ने स्पष्ट किया है कि यह छापा दिल्ली के मुख्यमंत्री के दफ्तर पर नहीं मारा गया था बल्कि दिल्ली सरकार के प्रधान सचिव राजेंद्र कुमार के दफ्तर और अन्य ठिकानों पर डाला गया था। गौरतलब है कि छापे को लेकर दिल्ली और केंद्र की सरकारें एक दूसरे के आमने-सामने आ गईं हैं। केजरीवाल और उनकी आम आदमी पार्टी का आरोप है कि सीबीआई ने राजेंद्र कुमार के दफ्तर पर नहीं बल्कि केजरीवाल के दफ़्तर पर छापे मारे हैं। केजरीवाल ने प्रधानमंत्री मोदी पर राजनीतिक बदले की मंशा से ये कार्रवाई कराने का आरोप लगाते हुए उन्हें कायर और मनोरोगी ठहरा दिया। जबकि इन आरोपों के जवाब में केंद्र सरकार ने इन्हें निराधार बताते हुए कहा है कि किसी भ्रष्ट अधिकारी पर कार्रवाई राजनीतिक बदला कैसे हो सकती है। केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली और रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सीबीआई एक मामले में एक अधिकारी के खिलाफ जांच के क्रम में छापा मारने गई थी और एजेंसी ने इस दौरान दिल्ली के मुख्यमंत्री के दफ्तर को छुआ भी नहीं। छापेमारी की खबर फैलने के साथ ही संसद के भीतर भी विपक्ष के सदस्यों ने इसके विरोध में हंगामा शुरू कर दिया और सीबीआई को केंद्र के हाथों का औजार करार दिया।

वहीं इससे पहले सीबीआई ने मामले पर अपनी तरफ से स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री के कार्यालय पर छापेमारी के संदर्भ में जो खबरें आ रही हैं वे निराधार हैं। सीबीआई के एक प्रवक्ता ने कहा, यह छापेमारी मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव के खिलाफ की गई है। सीबीआई ने दिल्ली सचिवालय स्थित कार्यालय और आवास सहित दिल्ली एवं उत्तर प्रदेश के 14 स्थानों पर छापे मारे। सीबीआई ने बताया कि उसने कुमार और अन्य के खिलाफ इस आरोप को लेकर मामला दर्ज किया है कि उन्होंने दिल्ली सरकार के विभागों की निविदाएं दिलाने के लिए एक खास कंपनी की पैरवी करने के लिए अपने आधिकारिक पद का दुरूपयोग किया।

दिन भर के घटनाक्रम पर आप नेता संजय सिंह ने ट्वीट कर देश भर के पार्टी कार्यकर्ताओं से सड़क पर उतरने की अपील की है। उन्होंने लिखा, 2002 से 2015 तक 2 बार भाजपा की सरकार रही। एक साल तक एलजी राज रहा तो सीबीआई(तोता) अभी क्यों जागी? क्या यह तोता शिवराज, वसुंधरा, सुषमा, जेटली पर भी छापा मारेगा? उन्होंने आगे लिखा, अरविंद केजरीवाल के दफ्तर पर मोदी सरकार की गुंडागर्दी और तानाशाहीपूर्ण कार्यवाही के खिलाफ पूरे देश के कार्यकर्ता सड़कों पर उतरें।

 

 

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