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उच्च न्यायालय के न्यायाधीश को जयललिता की मौत की परिस्थितियों पर सन्देह

पूर्व मुख्यमंत्राी जयललिता की मृत्यु की परिस्थितियों पर सन्देह व्यक्त करते हुए मद्रास उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश ने संकेत दिया है कि वह शव को समाधि से निकालने का आदेश दे सकते हैं। उन्होंने उस याचिका की सुनवाई के दौरान यह संकेत दिया जिसमें इस मामले की जांच किसी जांच आयोग या तथ्य अन्वेषण समिति से करवाने का अनुरोध किया गया है। दो सदस्यीय अवकाश पीठ का नेतृत्व कर रहे न्यायमूर्ति एस वैद्यनाथन ने कहा कि जनता को पता होना चाहिए कि क्या हुआ।
उच्च न्यायालय के न्यायाधीश को जयललिता की मौत की परिस्थितियों पर सन्देह

न्यायमूर्ति वी प्रतिभान की सदस्यता वाली यह पीठ अन्नाद्रमुक कार्यकर्ता पी ए जोसेफ द्वारा दायर जनहित याचिका की सुनवाई कर रहा था। याचिका में आयोग से अनुरोध किया गया है कि जयललिता की मौत की परिस्थितियों की जांच के लिए जांच आयोग या तथ्य अन्वेषण समिति बनाई जाए। न्यायमूर्ति वैद्यनाथन ने कहा, निधन के बाद सभी को यह प्रश्न करने का अधिकार है। मुझेे व्यक्तिगत रूप से सन्देह है।

उन्होंने कहा, एक दिन यह बताया गया कि वह चल रही हैं, अगले दिन आपने कहा कि वह बाहर आएंगी और अचानक क्या हो गया। दिवंगत मुख्यमंत्री एमजीआर के स्वास्थ्य को लेकर भी वीडियो जारी किया गया था।

वरिष्ठ वकील के एम वियजन ने जब पीठ के समक्ष विशेष उल्लेख किया तो महाधिवक्ता मुथुकुमार स्वामी ने कहा कि मृत्यु में कोई रहस्य नहीं है। न्यायमूर्ति विद्यानाथन ने महाधिवक्ता से कहा, आप क्या कहते हैं। जीवन जीने का अधिकार एक मूलभूत अधिकार है। जनता को जानना चाहिए क्या हो रहा है।

न्यायाधीश ने कहा, यहां तक कि संबंधियों को भी देखने नहीं दिया गया और वे भी अभी तक अदालत के समक्ष नहीं आए हैं। मुझे व्यक्तिगत तौर पर इस बात में दम लगता है कि यदि मुझे सन्देह है तो मै मृतक के शव को समाधि से निकालने का आदेश दे सकता हूं और जब वह जीवित थीं तो आपने कुछ भी नहीं बताया। भाषा एजेंसी 

 

 

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