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लॉकडाउन पर गृह मंत्रालय ने कहा, राज्य दिशानिर्देशों में नहीं दे सकते हैं ढील

31 मई तक लागू किए गए लॉकडाउन के चौथे चरण को लेकर गृह मंत्रालय ने कहा है कि कोई भी राज्य अथवा केंद्रशासित...
लॉकडाउन पर गृह मंत्रालय ने कहा, राज्य दिशानिर्देशों में नहीं दे सकते हैं ढील

31 मई तक लागू किए गए लॉकडाउन के चौथे चरण को लेकर गृह मंत्रालय ने कहा है कि कोई भी राज्य अथवा केंद्रशासित प्रदेश जारी की ग गाइडलाइन में ढील नहीं दे सकता है। ये बातें राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों के साथ केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला की वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के बाद कही गई है। बता दें, रविवार की शाम को गृह मंत्रालय ने लॉकडाउन बढ़ाने की घोषणा की थी जिसमें कई तरह के निर्णय लेने का अधिकार राज्यों पर छोड़ा गया है। गाइडलाइन जारी करने के बाद रात में गृह सचिव अजय भल्ला ने सभी राज्यों के मुख्य सचिव के साथ बैठक की।

गाइडलाइन को सख्ती से लागू किया जाए: एमएचए

गृह सचिव भल्ला ने कहा, "गृह मंत्रालय द्वारा राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के लिए जारी की ग गाइडलाइन में वे ढील नहीं दे सकते हैं। कोरोना स्थिति के आकलन के आधार पर राज्य कुछ गतिविधियों को शुरू कर सकते हैं।" अजय भल्ला ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को लिखे अपने पत्र में कहा, "मैं अनुरोध करता हूं कि नए गाइडलाइन का अनुपालन सुनिश्चित किया जाए और सभी संबंधित अधिकारियों को उनके सख्त कार्यान्वयन के लिए निर्देशित किया जाए।"

स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक क्षेत्रों को करेंगे वर्गीकृत 

उन्होंने कहा कि सोमवार 18 मई से लागू की ग गाइडलाइन के तहत राज्य और केंद्रशासित प्रदेश स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी की ग संशोधित गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन में क्षेत्रों को चिन्हित करेंगे। जिला प्रशासन और स्थानीय शहरी निकायों द्वारा रेड और ऑरेंज जोन के अंदर स्थानीय स्तर पर कनटेंमेंट जोन और बफर जोन की पहचान की जाएगी। भल्ला ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि कनटेंमेंट जोन में चिकित्सा इमरजेंसी और आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के अलावा किसी भी अन्य गतिविधि की अनुमति नहीं दी जाएगी।

 

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