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नहीं रहे मुफ्ती सईद, महबूबा के मुख्यमंत्री बनने की संभावना

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद का, प्लेटलेट्स के खतरनाक स्तर तक गिरने के बाद आज दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्‍थान में निधन हो गया। वह जम्मू कश्मीर के शक्तिशाली अब्दुल्ला परिवार के साथ मुकाबला करने वाले ऐसे कुशल नेता थे जो देश के पहले मुस्लिम गृह मंत्री बने। पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार में पिछले साल एक मार्च को मुख्यमंत्री पद का कार्यभार संभालने वाले सईद (79) ने पिछले कुछ दिनों से वेंटीलेटर पर रहने के बाद आज सुबह अंतिम सांस ली।
नहीं रहे मुफ्ती सईद, महबूबा के मुख्यमंत्री बनने की संभावना

 

उन्हें विशेष विमान के जरिये 24 दिसंबर को श्रीनगर से यहां लाकर एम्स में भर्ती कराया गया था जहां उन्हें सेप्सिस (जीवन के लिए घातक संक्रमण की बीमारी) और निमोनिया से पीडि़त पाया गया था। चिकित्सकों ने बताया कि अस्पताल में भर्ती होने के दौरान उनकी प्लेटलेट्स खतरनाक स्तर तक गिर गई थीं। वह जम्मू-कश्मीर के दूसरे ऐसे मुख्यमंत्री हैं जिनका उनके कार्यकाल के दौरान निधन हुआ है। इससे पहले जब आठ सितंबर 1982 को शेख मोहम्मद अब्दुल्ला का निधन हुआ था तब वह मुख्यमंत्री थे।

ऐसी संभावना है कि सईद की बेटी 56 वर्षीय महबूबा को अब राज्य की पहली महिला मुख्यमंत्री बनाया जाएगा क्योंकि उन्हें पीडीपी नेताओं का समर्थन प्राप्त है लेकिन इसके लिए भाजपा की मंजूरी की आवश्यकता होगी। सईद के परिवार में उनकी पत्नी, तीन बेटियां और एक बेटा है।

सईद के निधन पर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री समेत बड़े नेताओं ने दुख जताया है। राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने कहा कि सार्वजनिक सेवा में लंबे अरसे तक रहने के दौरान जम्मू-कश्मीर और भारत के लिए उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सईद के निधन की खबर सुनकर उन्हें बेहद दुख हुआ। वह आम आदमी के प्रति, खासतौर पर वंचितों के प्रति अपने प्यार के लिए जाने जाते थे।

गृहमंत्री ने एम्स में मुफ्ती के निधन के कुछ वक्त बाद ही उनके परिवार से मुलाकात की। उन्होंने कहा मुफ्ती सईद को जम्मू-कश्मीर से संबंधित जटिल मुद्दों की बेहतरीन समझ थी। वह घाटी में स्थायी शांति लाना चाहते थे। उन्होंने कहा कि मुफ्ती सईद का निधन जम्मू-कश्मीर के लिए अपूरणीय क्षति है। उनके निधन से राष्ट्रीय राजनीति में बड़ा खालीपन आ गया है। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सईद के निधन पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने एक ट्वीट में कहा, अभी मुफ्ती मोहम्मद साहेब के इंतकाल की दुखद खबर सुनी। मैं सदमे में हूं और बहुत दुखी हूं। ईश्वर उन्हें शांति प्रदान करे। उमर एम्स गए और उनके परिवार के सदस्यों के प्रति संवेदना जाहिर की।

पूर्व केंद्रीय मंत्री फारूख अब्दुल्ला ने भी सईद के निधन पर शोक व्यक्त किया और कहा कि उनके निधन से उन्हें गहरी पीड़ा हुई है। राज्य के माकपा नेता मोहम्मद युसूफ तारिगामी ने भी सईद के निधन पर शोक जताया और कहा, राज्य ने एक नेता खो दिया जिसने क्षेत्र में शांति स्थापित करने के लिए अमूल्य योगदान दिया।

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी मुफ्ती के निधन पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने उनकी पत्नी, बेटी महबूबा मुफ्ती और अन्य शुभेच्छुओं के प्रति संवेदना जाहिर की है। कांग्रेस पार्टी के साथ उनके लंबे समय के जुड़ाव को याद करते हुए उन्होंने कहा कि मुफ्ती का योगदान एक मानवतावादी के तौर पर और सार्वजनिक जीवन में विभिन्न क्षमताओं के लिए हमेशा याद किया जाएगा।

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि मुफ्ती के निधन की खबर सुन कर उन्हें बहुत दुख हुआ। शाह ने मुफ्ती को एक असाधारण राजनेता कहा है। शाह ने कहा है, दुख की इस घड़ी में मेरी संवदेनाएं उनके परिवार और समर्थकों के साथ है।

जम्मू-कश्मीर के उप मुख्यमंत्री निर्मल सिंह ने कहा है कि राज्य को प्रशासन और राजनीतिक क्षेत्र में मुफ्ती की कमी खलेगी। उन्होंने कहा, यह बहुत बुरी खबर है। हम चाहते थे कि वह हमारा मार्गदर्शन करें, जैसा कि उन्होंने पिछले दस महीनों में किया। अब यह सरकार के साथ साथ राज्य के लिए भी एक बड़ा झटका है। वह एक राष्ट्रीय नेता थे। उनके पास ना केवल जम्मू-कश्मीर के लिए एक दृष्टिकोण था बल्कि भारत के लिए भी था।

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