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राम का काम करना है और राम का काम होकर रहेगा: मोहन भागवत

17वीं लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की भारी बहुमत से जीत के बाद राष्ट्रीय स्वयं सेवक...
राम का काम करना है और राम का काम होकर रहेगा: मोहन भागवत

17वीं लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की भारी बहुमत से जीत के बाद राष्ट्रीय स्वयं सेवक (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत का बयान आया है। उन्होंने संघ के एक कार्यक्रम में कहा कि राम का काम करना है और राम का काम होकर रहेगा। उन्होंने कहा कि इसकी निगरानी भी करनी होगी। मोहन भागवत के इस बयान से कयास यही निकाले जा रहे हैं कि वह अयोध्या में राम मंदिर की बात कर रहे हैं। हालांकि उन्होंने इसे स्पष्ट नहीं किया। 

उदयपुर में चल रहे संघ शिक्षा वर्ग (द्वितीय वर्ष) प्रशिक्षण के दौरान मंच से संबोधित करते हुए भागवत ने कहा, 'राम का काम करना है और राम का काम होकर रहेगा। राम का काम करना है तो अपना काम करना है, अपना काम खुद करेंगे तो ठीक होता है। सौंप देते हैं तो किसी को निगरानी करनी होती है।'  बता दें कि भागवत से पहले मुरारी बापू ने कहा था कि राम का काम सबको करना है। उसी को जोड़ते हुए भागवत ने कहा कि राम का काम होकर रहेगा।

 

संघ प्रमुख ने कहा कि हमेश चर्चा होती है कि भारत विश्वशक्ति बनेगा लेकिन उससे पहले हमारे पास एक डर का एक डंडा अवश्य होना चाहिए, तभी दुनिया मानेगी। मोहन भागवत ने मोरारी बापू के संबोधन को याद दिलाते हुए कहा कि राम का काम सभी को करना है और राम का काम होकर रहेगा।

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में चुनावी रैली भी की लेकिन मंदिर के मुद्दे से दूर ही रहे। ऐसे में मोहन भागवत के बयान से एक बार अयोध्या में राम मंदिर को लेकर हलचल तेज हो गई है। फिलहाल अयोध्या में विवादित जमीन का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।

राम मंदिर को लेकर नाराजगी जता चुका है आरएसएस

आरएसएस लोकसभा चुनाव से पहले भी बीजेपी सरकार पर राम मंदिर को लेकर नाराजगी जता चुका है। इससे पहले एक आरएसएस नेता ने भागवत के हवाले से कहा था कि संघ लोकसभा चुनाव के बाद राम मंदिर निर्माण शुरू कर देगा, चाहे केंद्र में किसी की भी पार्टी की सरकार बने।

आरएसएस-वीएचपी ने अध्यादेश लाने की मांग की थी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर मामले में कह चुके हैं कि जब तक सुप्रीम कोर्ट का फैसला नहीं आ जाता है, तब तक किसी अन्य विकल्प पर विचार नहीं किया जाएगा। उससे पहले आरएसएस और वीएचपी ने मांग की थी कि केंद्र सरकार संसद में अध्यादेश लाकर राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त करे।

चुनाव के दौरान मंदिर मामले पर नहीं हुई थी बयानबाजी

पूरे चुनाव भर भी राम मंदिर मुद्दे को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में चुनावी रैली भी की लेकिन मंदिर के मुद्दे से दूर ही रहे। ऐसे में मोहन भागवत के बयान से एक बार अयोध्या में राम मंदिर को लेकर हलचल तेज हो गई है। फिलहाल अयोध्या में विवादित जमीन का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।

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