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जाली राशन कार्ड की पहचान से बचाए गए दस हजार करोड़ रूपये

प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण प्रक्रिया के कारण जाली राशन कार्ड की पहचान कर केंद्र सरकार ने दस हजार करोड़ रूपये की बचत की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण की प्रक्रिया शुरू की थी। इसके बाद एक करोड़ साठ लाख से अधिक जाली राशन कार्ड की पहचान हुई।
जाली राशन कार्ड की पहचान से बचाए गए दस हजार करोड़ रूपये

प्रधानमंत्री निवास पर आधार और प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण की प्रगति को लेकर आयोजित समीक्षा बैठक में बताया गया प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण कार्यक्रम के परिणामस्वरुप सभी जलकल्याणकारी कार्यक्रमों में महत्वपूर्ण बचत हुई है। इससे नकली लाभकर्ताओं को दूर करने में भी सफलता प्राप्त हुई है। बैठक में अधिकारियों ने बताया कि प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण द्वारा एक करोड़ साठ लाख से अधिक जाली राशन कार्ड की पहचान करने में सफलता मिली है, जिसके परिणामस्वरूप दस हजार करोड़ रुपए से अधिक की बचत संभव हुई है। इसी प्रकार केवल वर्ष 2015-16 में पहल योजना में तीन करोड़ पचास लाख जाली लाभकर्ताओं को हटाने के फलस्वरुप चौदह हजार करोड़ रुपए से अधिक की बचत हुई है। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (एमजीएनआरईजीएस) में भी वर्ष 2015-16 के लिए लगभग दस प्रतिशत अर्थात तीन हजार करोड़ रुपए की बचत होने का अनुमान है। कई राज्य और संघ शासित प्रदेशों को भी प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण कार्यक्रमों द्वारा महत्वपूर्ण बचत करने में सफलता मिली है।

करीब दो घंटे की समीक्षा बैठक में प्रधानमंत्री को आधार संख्या बनाने में प्रगति, लाभकर्ताओं की पहचान की प्रक्रिया को सरल और प्रभावी बनाने के लिए आधार संख्या को आधिकारिक आकंडों से जोडने और लाभधारकों को सुविधा पहुंचाने के लिए उचित लक्ष्य सुनिश्चित करने पर जानकारी प्रदान की गई। बैठक में सूचित किया गया कि वर्ष 2015-16 में प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण द्वारा 30 करोड़ से अधिक लाभकर्ताओं को 61 हजार करोड़ रुपए से अधिक वितरित किए गए।इसमें 25 हजार करोड़ रुपए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना( एमजीएनआरईजीएस) और 21 हजार करोड़ रुपए पहल योजना के अंतर्गत प्रदान किए गए। 

 

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